बाबा साहेब के सपनों को साकार करने में लगे हैं सीएम नीतीश : ललन सिंह

  • जदयू ने कर्पूरी सभागार में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई

पटना। जदयू के प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अमबेडकर की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह े्रउर्फ ललन सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, मंत्री अशोक चौधरी समेत पार्टी के अन्य नेता तथा कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला ने की।
इस मौके पर ललन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहेब भारतीय संविधान के निर्माता ही नहीं, एक अच्छे समाज सुधारक भी थे। उनके सपनों को साकार करने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास का नारा दिया। इसका मतलब है समाज के निचले पायदान पर खड़े लोगोें को समाज के मुख्य धारा से जोड़ना। यही सोच बाबा साहेब की थी। इस विचारधारा को साकार करने का काम नीतीश कुमार ने किया है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है तो बिहार नंबर-1 राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि जब तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा तब तक देश विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता।
वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर संविधान का पहले से पूरी तरह से पालन हुआ होता तो समाज के पिछड़े एवं दलित वर्ग के लोग और आगे बढ़े होते। बाद में नीतीश कुमार को मौका मिला तो उन्होंने संविधान के माध्यम से दलितों एवं पिछड़े वर्गों को अधिकार और न्याय दिलाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार के निर्णय से समस्या का निदान नहीं हो सकता। इसके लिये खुद भी जागरुक होना होगा। उन्होंने कहा कि तीन तरह की सरकार होती है जिसमें न्यायपालिका सबसे मजबूत सरकार होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार में बैठे हुए सभी लोग अगर नीतीश कुमार की तरह ईमानदार हों तो समस्या का समाधान हो सकता है। उन्होंने इंडियन जुडिसियल सर्विस में खुली प्रतियोगिता पर बल देते हुए कहा कि इंडियन एडमिंस्ट्रेटिव सर्विस की तरह इंडियन जुडिसियल सिर्विस के लिये भी खुली प्रतियोगिता होनी चाहिये। यह व्यवस्था केंद्र सरकार को करनी चाहिये।
कार्यक्रम को उमेश कुशवाहा और मंत्री अशोक चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये सीएम नीतीश ने बीपीएससी के लिये 50 हजार और यूपीएससी के लिये एक लाख रुपये का पुरस्कार देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि ऐसे नेतृत्व के साथ काम करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछड़ों के लिये जो काम किया उससे न सिर्फ नक्सलिजम कम हुआ है, बल्कि दलित पिछड़े वर्ग के लोग समाज के मुख्य धारा से जुड़े हैं। इस अवसर पर काफी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता और गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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