दवाओं की कीमतों पर मनमानी करने वाले दवा दुकानों पर बढ़ेगी सख्ती, सरकार ने तैयार की खास टास्क फ़ोर्स
पटना। बिहार में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और दवाओं की कीमतों पर मनमानी को नियंत्रित करने के इरादे से स्वास्थ्य विभाग ने ड्रग इंस्पेक्टरों को नई जिम्मेदारी सौंपी है। सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे महीने में कम से कम 20 दवा प्रतिष्ठानों की जांच करें और अपनी रिपोर्ट सरकार को मुहैया कराएं। सरकार ने अपने आदेश में साफ किया है कि आदेश नहीं मानने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नियमित नहीं हो रही दवा प्रतिष्ठानों की जांच
स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर औषधि निरीक्षक (ड्रग इंस्पेक्टर) के कार्यकलाप की समीक्षा की गई। जिसमें यह बात सामने आई कि नियम रहने के बाद नियमित रूप से दवा प्रतिष्ठानों की जांच नहीं होती है और न ही अधिकारी स्वास्थ्य मुख्यालय को जिलावार प्रतिवेदन ही समय पर मुहैया कराते हैं। विभाग ने माना यह कार्य में लापरवाही है। इसके साथ ही औषधि निरीक्षकों के लिए महीने में कम से 20 दवा प्रतिष्ठानों की जांच की व्यवस्था बनाई गई। विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।
जांच में गड़बड़ तो प्रतिष्ठानों पर होगी कार्रवाई
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार निरीक्षक दवा प्रतिष्ठानों में प्रतिबंधित दवाओं की उपलब्धता, सब स्टैंडर्ड दवा, एक्सपायर हो चुकी दवाओं की जांच करेंगे। साथ ही प्रतिष्ठान उपभोक्ताओं से दवाओं की अधिक कीमत तो नहीं वसूल रहे इसकी भी जांच होगी। यदि प्रतिष्ठान में प्रतिबंधित दवाएं पाई जाती हैंं तो ऐसे प्रतिष्ठानों के विरुद्ध निरीक्षक कार्रवाई करेंगे और अपनी रिपोर्ट सरकार को भी मुहैया कराएंगे। इन कार्यों के साथ ही ड्रग इंस्पेक्टर अपने क्षेत्र में पेंडिग ड्रग लाइसेंस का आकलन भी करेंगे और उनके निष्पादन के आवश्यक कदम उठाएंगे। लाइसेंस जारी होने के बाद संबंधित जिले में राजस्व संग्रहण से संबंधित अद्यतन रिपोर्ट भी स्वास्थ्य मुख्यालय को मुहैया कराने का जिम्मा औषधि निरीक्षकों को सौंपा गया है।