राज्यसभा में उठा RRB-NTPC परीक्षा का मुद्दा, सुशील मोदी समेत कई सासदों ने की छात्रहित की मांग
नई दिल्ली। पिछले दिनों रेलवे की भर्ती परीक्षा आरआरबी और एनटीपीसी के रिजल्ट में कथित अनियमितताओं को लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शनों का मुद्दा राज्य सभा में उठाया गया। बिहार से प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा सदस्यों ने भर्ती प्रक्रिया में खामियों को दुरुस्त करने, प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर दर्ज की गई FIR वापस लेने और बढ़ती बेरोजगारी के मद्देनजर छात्रों के साथ न्याय करने की मांग की है। आज राज्य सभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की फौजिया खान ने कहा कि हाल ही में रेलवे की भर्ती परीक्षा ने बेरोजगारी की गंभीर समस्या और असफल शिक्षा व्यवस्था को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी की समस्या पर ध्यान दिया जाना चाहिए। साथ ही छात्रों ने भर्ती परीक्षा में अनियमितता के जो आरोप लगाए हैं, उनकी समीक्षा होनी चाहिए और खामियों को दुरुस्त किया जाना चाहिए।
वहीं इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया कि ग्रुप डी में भर्ती दो चरणों के बजाय एक ही चरण में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि साथ ही एनटीपीसी की परीक्षा के 3।5 लाख अतिरिक्त परिणाम भी घोषित किए जाने चाहिए। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा भर्ती में अनियमितमाओं की निश्चित तौर पर जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सफल उम्मीदवारों की जारी की गई सूची में कई छात्रों के रोल नंबर एक से अधिक पदों के लिए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों पर जिस तरह से लाठियां बरसाई गई वह ह्रदय विदारक है। साथ ही इन छात्रों पर FIR भी की गई है। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों से मुक़दमे वापस लेने चाहिए।