September 21, 2024

एम्स पटना का 10वां स्थापना दिवस : स्वास्थ्य राज्यमंत्री बोलीं- टेलीमेडिसिन सेवाओं को सुदूर इलाकों तक पहुंचाएं, मेधावी छात्र-छात्राएं हुए पुरस्कृत

पटना। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना का 10वां स्थापना दिवस शनिवार को संस्थान में मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सांसद डॉ. संजय जायसवाल, रामकृपाल यादव एवं मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, डॉ. धर्मेन्द्र सिंह गंगवार, अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और एम्स पटना के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया। वहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती पवार आॅनलाइन उपस्थित हुईं। उन्होंने कोविड-19 महामारी में एम्स पटना द्वारा किए गए अथक एवं अनवरत प्रयासों के लिए चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं धन्यवाद दिया। उन्होंने टेलीमेडिसिन सेवाओं को भी सराहा और इसके माध्यम से सुदूर इलाकों तक पहुंचने की बात कही।
सांसदों ने सराहा
कार्यक्रम में सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने संस्थान के चिकित्सकों के धैर्य और लगन को सराहा। वहीं रामकृपाल यादव ने संस्थान में कुछ और सुपरस्पेशेलिटी विभाग शुरू करने की बात कही, ताकि मरीजों को इलाज के लिए एम्स दिल्ली न जाना पड़े। संस्थान के कार्यों की प्रशंसा करते हुए एम्स पटना को देश का सर्वोत्तम संस्थान बनाने की बात कही।


एक साल में ओपीडी में कुल 1,37,619 मरीज देखे गए
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के निदेशक डॉ. पीके सिंह ने एम्स पटना की उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में बताया कि अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 तक एम्स पटना की ओपीडी में नए व पुराने कुल 1,37,619 मरीज देखे गए और 12,590 मरीज भर्ती किए गए। वहीं कोविड-19 के 1994 मरीजों को भर्ती किया गया, जिनमें से 1125 ठीक होकर घर गए। 1348 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई। एक साल में 8.5 लाख आरटीपीसीआर जांच की गईं और 209 म्यूकरमाइकोसिस मरीजों का इलाज किया गया। संस्थान में अब तक 21,080 लोगों को कोवैक्सीन की पहली और दूसरी डोज दी जा चुकी है, वहीं 24,196 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है।
योजनाओं को लेकर संस्थान प्रयासरत
उन्होंने योजनाओं को लेकर कहा कि रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत, बर्न सेंटर का निर्माण, अंग प्रत्यारोपण की शुरूआत, शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन का निर्माण और चिकित्सकों के लिए आवास का निर्माण कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिनके लिए संस्थान प्रयासरत है।
30 हाइपेक सर्जरी हुई
उन्होंने बताया कि संस्थान में हुई 460 हीमोडायलिसिस, 355 टोटल हिप रीप्लेसमेंट, 412 एसीएल रीकंस्ट्रक्शन, 30 हाइपेक सर्जरी, 180 काक्लियर इम्पलांट और एडवांस्ड विट्रियोरेटिनल सर्जरी संस्थान की उपलब्धियां हैं। खासकर कैंसर मरीजों के लिए हाइपेक सर्जरी, जिसकी सुविधा देश के महज दो-तीन संस्थानों में ही है। उन्होंने कहा कि कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने के लिए एम्स पटना एक्सपर्ट सपोर्ट दे रहा है। साथ ही प्लाज्मा थेरेपी देने में भी अन्य अस्पतालों को मदद दे रहा है।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर संस्थान निकाय के सदस्य डॉ. राजीव कुमार सिंह, आईजीआईएमएस के निदेशक डॉ. एनआर विश्वास, संस्थान के संस्थापक निदेशक प्रो. गिरीश कुमार सिंह, डीन प्रो. उमेश भदानी, चिकित्साधीक्षक डॉ. सी. एम. सिंह, उप निदेशक परिमल सिन्हा, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. वीणा सिंह, डॉ. मुक्ता अग्रवाल, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. श्रुति सिंह समेत अन्य अधिकारी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
मेधावी छात्र-छात्राएं हुए पुरस्कृत
एमबीबीएस के 11 एवं बीएससी नर्सिंग के 17 मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल देकर पुरस्कृत किया गया और एम्स पटना की पत्रिका “स्पंदन” का विमोचन भी किया गया।
इन्हें मिले मेडल्स
गोल्ड मेडल : संजना मालाकार, लव, गुलाम मुस्तफा, प्रेरणा, विभा कुमारी, कुमारी आकृति।
सिल्वर मेडल : नीलेश कुमार सिन्हा, साहिल कश्यप, हिमांशु खडोटरा, शिवानी शर्मा, वंदना कुमारी, श्वेता भारती, सुरभि, निकिता अधिकारी।
ब्रॉन्ज मेडल : अंकुर महाजन, शशांक प्रकाश चौधरी, सृष्टि सिंह, मेघा रूहेला, पूजा कुमारी, प्रिया कुमारी, श्रिया शर्मा।

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