बिहार में शिक्षा विभाग के तीन पोर्टल लांच, मंत्री बोले- कार्य में लाएंगे ट्रांसपरेंसी और समय सीमा के अंदर होगा कार्यों का निबटारा
पटना। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने सिंगल विंडो सिस्टम वाले तीन पोर्टल लांच किए। ये पोर्टल न सिर्फ कार्य में ट्रांसपरेंसी लाएंगे बल्कि समय सीमा के अंदर कार्यों का निबटारा भी करेंगे। इन पोर्टलों को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को लांच किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार भी मौजूद रहे। विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर आॅनलाइन के जरिए जुड़े हुए थे।
तृतीय श्रेणी के कर्मियों की नियुक्ति अब विवि नहीं करेंगे
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द की विश्वविद्यालयों में तृतीय श्रेणी के पद भरे जाएंगे। अब कोई भी विश्वविद्यालय खुद से तृतीय श्रेणी की नियुक्ति नहीं करेगा या तो स्वतंत्र आयोग इसके लिए बनेगा या कर्मचारी चयन आयोग जैसी कोई संस्था नियुक्ति करेगी। पोर्टल के जरिए हर माह के अंत में उस विश्वविद्यालय रिक्तियां भेजेंगे।
कोर्स की संबद्धता सरकार से जरूरी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी कोर्स में छात्र-छात्राओं का एडमिशन करना शुरू कर दिया जाता है, परीक्षा भी हो जाती है और बाद में रिजल्ट देने के समय पता चलता है कि कोर्स की संबद्धता सरकार से है ही नहीं। ऐसे में बहुत दुखद स्थिति हो जाती है। मंत्री ने कहा कि महाविद्यालय, विश्वविद्यालय और विभाग के बीच कॉर्डिनेशन जरूरी है। यह विश्वविद्यालय की जवाबदेही है कि सरकार की बात महाविद्यालयों तक पहुंचाए। कहा कि तीनों नए पोर्टल में जो भी कमियां नजर आए उसे बताए और कुलसचिव के माध्यम से सरकार और निदेशालय तक पहुंचाए।
शिक्षकों या कर्मियों के एकाउंट में सीधे राशि जाएगी
मंत्री ने यह भी कहा कि वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने के लिए सरकार अनुदान देती है पर यह परफार्मेंस ग्रांट है। इसमें शिकायत आती है कि ग्रांट सही तरीके से शिक्षकों व कर्मियों तक नहीं पहुंच रही। अब इसे सीधे एकाउंट में आरटीजीएस से भेजा जाएगा। यही नहीं, जब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र अपलोड नहीं करेंगे, अगले अनुदान के हकदार महाविद्यालय नहीं होंगे। नियुक्ति मामले में सरकार या प्रशासन सेंडविच बनता है तो जिम्मेदारी कौन लेगा! सबसे ज्यादा भूमिका विश्वविद्यालय प्रशासन की होती है। कहा कि कॉलेज इंस्पेक्शन की परंपरा खत्म होती जा रही है। इस मौके पर शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार, सचिव असंगबा चुबा आओ और उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने भी अपनी बात रखी।