Exclusive-खगड़िया (बी एन) तटबंध के कार्य योजना में करोड़ों के घोटाले का आरोप,मुख्यमंत्री से जांच की मांग
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
>>हैदराबाद की कंपनी पर संपूर्ण कार्य नियम विरुद्ध पेटी पर देने का आरोप
>>कार्य में बतौर पेटी कांट्रेक्टर शामिल कंपनी पूर्व से ब्लैक लिस्टेड कंपनी का दूसरा रुप है
>>कुल निविदा 650 करोड़ की, कार्यस्थल पर हो रहा है अधिकतम 325 करोड़ का काम!
>>पंजाब की ब्लैक लिस्टेड कंपनी पन्नू एंड एसोसिएट भी है पेटी कांट्रेक्टर
पटना।बिहार प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर खगड़िया जिले में बन रहे बदला- नगरपारा (बी एन) तटबंध के उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण के कार्य में करोड़ों के घोटालों तथा अनियमितता के आरोप लगाए हैं।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि प्रदेश को प्रति वर्ष बाढ़ से बचाने के लिए जल संसाधन विभाग के द्वारा तटबंध का निर्माण,सुदृढ़ीकरण तथा उन्नयन का कार्य किया जाता है।मगर इससे जुड़े परियोजनाओं में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि खगड़िया जिले के 650 करोड़ के तटबंध के सुदृढ़ीकरण तथा उन्नयन से जुड़े मामले में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार का ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं। जिले में बागमती नदी में बदला’नगरपारा (बीएन) तटबंध के उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण का कार्य,जो की हैदराबाद की कंपनी बीएससीपीएल के द्वारा जल संसाधन विभाग की ओर से दिए गए 650 करोड़ के निविदा राशि के आधार पर की जा रही है। कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने सीएम को संबोधित पत्र में लिखा है कि इस कार्य में सरकारी तंत्र तथा कंपनी के मिलीभगत से घोर अनियमितता बरती जा रही है। जिसकी जांच बिहार के विकास के हित में बेहद आवश्यक है।खगड़िया तथा अन्य जिलों को प्रतिवर्ष बागमती नदी के बाढ़ से बचाने के लिए बदला-नगरपारा (बीएन) तटबंध के उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण का कार्य बी एससीपीएल कंपनी को जल संसाधन विभाग के द्वारा निविदा के माध्यम से सौंपी गई है।मगर जैसी की सूचनाएं प्राप्त हुई है।बीएससीपीएल के द्वारा नियमों के विरुद्ध जाकर संपूर्ण कार्य फ्रंटलाइन इन्नोवेशन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को सब कांटेक्ट के माध्यम से दे दिया गया है।जबकि निविदा शर्तों के मुताबिक बीएससीपीएल पूरी परियोजना की एक बहुत छोटा अंश,किसी दूसरे कंपनी अथवा एजेंसी को पेटी कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर दे सकती है। पत्र में बिहार प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने खुलासा किया है की यहां तो संपूर्ण योजना को ही बीएससीपीएल के द्वारा फ्रंटलाइन इन्नोवेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंप दिया गया है। उल्लेखनीय है कि फ्रंटलाइट इन्नोवेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सभी डायरेक्टर तथा प्रमोटर वही लोग हैं।जो चड्डा एंड चड्डा कंपनी के डायरेक्टर तथा प्रमोटर हुआ करते थे।पत्र में इस बात का उल्लेख है कि चड्डा एंड चड्डा कंपनी ब्लैक लिस्टेड फर्म है।इसलिए प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक इस ब्लैक लिस्टेड फर्म के प्रमोटरों ने सरकार की आंखों में धूल झोंकने के उद्देश्य से फ्रंटलाइन इन्नोवेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का गठन किया तथा बीएससीपीएल के माध्यम से जल संसाधन विभाग के इस पूरी योजना को अपने हाथों में ले लिया।कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने लिखा है कि चड्ढा एंड चड्ढा कंपनी के कारगुजारीयों से बिहार सरकार पूरी तरह से वाकिफ है। इसलिए निविदा में सीधे भाग ना लेकर फ्रंटलाइन इनोवेशन कंपनी का गठन कर कूटरचित साजिश के द्वारा 650 करोड़ के बिहार सरकार के कार्य को हासिल किया गया।फ्रंटलाइन इन्नोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा पूरे परियोजना कार्य को 30 छोटे संवेदकों को पेटी कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से दे दिया गया है।जांच करने की विषय वस्तु यह है कि बीएससीपीएल ने 650 करोड़ के कार्य को तकरीबन 30% के कट ऑफ मार्जिन लेकर फ्रंटलाइन इन्नोवेशन प्राइवेट लिमिटेड को नियमों के विरुद्ध जाकर सौंप दिया गया है।वही फ्रंटलाइन इन्नोवेशन प्राइवेट लिमिटेड ने नियमों और शर्तों का घोर उल्लंघन करते हुए अपना 20% मुनाफा काटकर पूरे कार्य परियोजना को 30 छोटे संवेदकों को,जिनके पास मशीनरी,इंजीनियरिंग,अनुभव तथा संसाधनों का घोर अभाव है,उन्हें सौंप दिया गया है। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में राजेश राठौर ने कहा है कि तात्पर्य यह निकलता है कि 650 करोड़ का कार्य का 50% हटा दिया जाए तो छोटे संवेदकों के द्वारा कुल 330 करोड़ का कार्य इस परियोजना में किया जाएगा।अब आप स्वयं समझ सकते हैं कि 650 करोड़ के परियोजना के आधी रकम 325 करोड रुपए कहां जा रही है।650 करोड़ के परियोजना में जब 325 करोड,उसमें भी छोटे संवेदको के अपने मुनाफे तकरीबन 15% को अलग कर दिया जाए।तो पूरे परियोजना में कुल 300 करोड़ की धनराशि का कार्य होगा,यह स्पष्ट है। बकौल कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ यह बिहार सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की बानगी है।बीएन तटबंध के उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण का कार्य बीएससीपीएल कंपनी के द्वारा करवाया जा रहा है।मगर कार्यस्थल पर छोटे-छोटे दो दर्जन के करीब संवेदको के साथ फ्रंटलाइन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा कार्य अनुबंध का करार किया गया है।इस परियोजना को अगर विभाग के द्वारा सीधे-सीधे छोटे संवेदकों को दिया जाता तो पूरी योजना 300 करोड़ रुपए में पूरी हो जाती।जैसा कि अब भी हो रही है।सरकार को 350 करोड़ रुपए की बचत होती।इसके साथ ही समय पर योजना पूर्ण भी हो जाती।फ्रंटलाइन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड तथा ब्लैक लिस्टेड फर्म चड्डा एंड चड्डा के बीच क्या संबंध है तथा बीएससीपीएल के द्वारा फ्रंटलाइन इन्नोवेशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पूरा करें किस नियम तथा आधार के द्वारा दिया गया।
यह सरकार के लिए जांच का विषय है।फ्रंटलाइन इन्नोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा जिन छोटे-छोटे संवेदकों के साथ कार्य अनुबंध का करार किया गया है। उसमें एक नाम पन्नू एंड एसोसिएट्स नामक कंपनी की है।यह कंपनी पंजाब में अपने कार्यों तथा कारगुजारियों के लिए कुख्यात रह चुकी है पंजाब सरकार के सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहाने के बाद पन्नू एंड एसोसिएट कंपनी ने बिहार का राह थामा है।बिहार सरकार अगर चाहे तो पन्नू एंड एसोसिएट कंपनी की पंजाब सरकार के सिंचाई विभाग में किए गए कार्यों का रिकॉर्ड वहां से मंगवा कर जांच सकती है।बिहार जैसे गरीब राज्य के सैकड़ों करोड़ के कार्य परियोजनाएं इस प्रकार भ्रष्टाचार की बलिवेदी पर चढ़ती जाए।इससे बढ़कर बिहार का और कोई दुर्भाग्य नहीं हो सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि बिहार सरकार में व्याप्त करप्ट नेक्सस तथा बिचौलियों के कारण राज्य को हजारों करोड़ की धनराशि की हानि हो रही है।तटबंध के उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण के क्रम में कंपनी के द्वारा दिन छोटे संवेदको को कार्य सौंपा गया है।उनके के द्वारा भारी अनियमितता बरती जा रही है।कार्यस्थल में जहां मिट्टी की भराई की जानी थी वहां मिट्टी के जगह बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है। इतना ही नहीं कार्यस्थल में दिखाया जा रहा है कि 3 किलोमीटर दूर से मिट्टी काटकर लाया जा रहा है।जबकि सच्चाई यह है कि मिट्टी कार्यस्थल पर ही काटा जा रहा है।जिसके वजह से कभी भी तटबंध को भारी क्षति पहुंच सकती है।तटबंध निर्माण के क्रम में स्लोप जिसका अनुपात 1:3 होनी चाहिए।मगर अनुपात 1:1.25 किया जा रहा है।जिसके कारण नदी की पहली बाढ़ भी तटबंध झेल नहीं पाएगी। इसके अतिरिक्त भी कंपनी के द्वारा बहुत कम दर में छोटे संवेदकों को कार्य आवंटित किया गया है।जिस वजह से उन संवेदकों के द्वारा लाभ कमाने के उद्देश्य से जमकर अनियमितता बरती जा रही है।इस पूरी परियोजना में तटबंध के मजबूती करण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है तथा सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि अगर परियोजनाओं में बरती जा रही ऐसे भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं का समय पर समुचित तरीके से जांच हो।तो घोटालों के धनराशि की व्यापकता को देख कर हैरानी होगी। उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि खगड़िया बदला- नगरपारा (बीएन) तटबंध के उन्नयन तथा सुदृढ़ीकरण कार्य के 650 करोड़ के परियोजना की निष्पक्ष कमेटी के द्वारा न्यायिक जांच कराई जाए ।दरअसल विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण विभागीय जांच में सच्चाई सामने नहीं आ सकेगी। बिहार प्रदेश कांग्रेस मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार मेरे द्वारा लिखे गए पत्र पर संज्ञान लेकर अगर जांच करवाते हैं।तो उनकी आंखें खुल जाएगी।उन्होंने कहा कि सीएम आंखों में पट्टी बांधे बैठे हुए हैं उधर उनके नाक के नीचे करोड़ों अरबों के वारे-न्यारे हो रहे हैं।