विधानसभा में अपनी बात रखने खड़े हुए तेजस्वी यादव, जानें आगे क्या हुआ
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पटना । विधानसभा में मानसून सत्र की कार्यवाही के दूसरे दिन मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव प्रस्ताव ने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होने के पहले तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष से इसके लिए अनुमति मांगी। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसकी अनुमति तो नहीं दी पर उन्होंने कहा कि आप अपनी बात रखने सकते हैं।
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इसके बाद तेजस्वी यादव जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए। सत्ता पक्ष के विधायक भी साथ में खड़े हो गए। तेजस्वी यादव ने 23 मार्च को बजट सत्र के दौरान विधायकों की पिटाई का मामला उठाया लेकिन सत्ता पक्ष के विधायकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया।
इस पर विपक्ष के विधायक भी उठ खड़े हुए। स्थिति एक बार सदन में बिगड़ने लगी लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सब को शांत करा दिया। इसके बाद विजय कुमार चौधरी ने सत्तापक्ष के विधायकों को बताते हुए कहा कि सदन में सब को बोलने का अधिकार है और इस तरह से शोर मचाना ठीक नहीं।
विधानसभा अध्यक्ष ने 23 मार्च को हुई सदन में घटना पर कहा कि उस दिन जो कुछ हुआ, वह वाकई एक काला अध्याय था। सदन में ऐसा नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र और विधायक प्रणाली के लिए यह ठीक नहीं है।
स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पहले भी कई मामलों में विधानसभा के सदस्यों के ऊपर कार्यवाही होती रही है। लेकिन उस दिन ऐसा नहीं किया गया।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आसन का सम्मान होना चाहिए। अपमान से ना तो सत्ता पक्ष चल सकता है और ना ही विपक्ष। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि संसदीय जीवन में इस तरह की घटना मैंने नहीं देखी। ऐसी घटना भविष्य में ना हो इसकी भी पहल होनी चाहिए।