September 21, 2024

दहेज के लिए विवाहिता को आठ महीने से घर में रखा बंद, मानसिक व शारीरिक रूप से किया प्रताड़ित, ऐसे कराया गया मुक्त

सुपौल। दहेज के लिए विवाहिता को ससुरालवालों ने पिछले आठ महीने से घर में बंद रखा। इस दौरान उसे मानसिक व शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया। इस बात की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों की मदद से पीड़िता के परिजनों ने मौके पर पुलिस को बुलाया व मुक्त कराया। फिलहाल महिला ने थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई है, इसके बाद पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

बता दें कि सुपौल के किशनपुर प्रखंड मुख्यालय के किशनपुर बाजार में आठ महीने से घर में कैद विवाहिता को ग्रामीणों की मदद से मुक्त कराया गया। पीड़िता के परिजन व ग्रामीणों की सूचना के बाद महिला थानाध्यक्ष प्रमिला कुमारी पुलिस बल के साथ किशनपुर बाजार पहुंची जहां पूरे मामले की जानकारी ली गई। इस दौरान पुलिस को देखकर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मौके पर उपस्थित ग्राामीणों ने बताया कि आठ महीने से विवाहिता को ससुरालवालों ने घर में बंधक बनाकर रखा है। पीड़िता को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया।

ग्रामीणों ने बताया कि इसे लेकर कई बार स्थानीय स्तर पर पंचायत भी की गई। लेकिन पीड़िता के ससुर विक्रम चौधरी किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि यह उनका निजी मामला है इसमें ना बोलने का किसी को अधिकार नहीं है।

पीड़िता के पिता व भाई को जब इसकी जानकारी हुई वे भी घर पर पहुंच गये लेकिन उन्हे बेटी से मिलने नहीं दिया गया। जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने घर का ताला तोड़कर पीड़िता को घर से बाहर निकाला और महिला थाना पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल महिला थाने में मामले की शिकायत परिजनों ने दर्ज कराई है जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

गौरतलब है कि विक्रम चौधरी के बेटे संजय चौधरी की शादी मोना कुमारी जायसवाल के साथ 7 मार्च 2018 को हुई थी।  शादी में दहेज के तौर पर कार सहित 17 लाख रुपये के सामान उपहार स्वरूप भेंट किए गए। शादी के बाद मोना अपने ससुराल किशनपुर आई। जहां ससुराल आने के बाद से ही और दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित किया जाने लगा।

पीड़िता को डेढ़ साल की बच्ची है इसके बाद भी ससुरालवाले 10 लाख रुपये की मांग करने लगे और नहीं देने पर प्रताड़ित करना जारी रखा। शादी के बाद पति भी बाहर कमाने के लिए चला गया। दहेज की मांग पूरी नहीं करने पर पति ने भी पत्नी से बात करना छोड़ दिया। शरीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने के बावजूद पीड़िता ससुराल से नहीं भागी तब उसे ससुरालवालों ने घर में कैद कर बाहर से ताला लगा दिया।

इसी बीच जब पीड़िता के पिता गौरी शंकर चौधरी अपने बेटे के साथ बेटी को देखने पहुंचे तब उन्हें मिलने नहीं दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से घर का ताला तोड़ा गया और पीड़िता को मुक्त कराया गया। पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी बीटेक पास है। परिवार के साथ वे दिल्ली में रहते थे। बेटी के ससुरालवाले भी दिल्ली में रहते थे। दिल्ली में ही शादी हुई थी।

इस दौरान कार व 17 लाख रुपये उन्होंने बेटी की शादी में दिए थे। शादी के तीन साल बाद फिर से 10 लाख रुपये की मांग की जा रही थी। इसे लेकर बेटी को काफी प्रताड़ित किया जा रहा था। ससुर विक्रम चौधरी, सास आभा देवी, ननद राखी कुमारी और चांदनी कुमारी ने जान से मारने की साजिश रची। यही कारण है कि उसे भूखे प्यासे घर में बंद करके रखा गया। खाना मांगने पर अक्सर मारपीट की जाती थी। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीणों के मदद से बेटी को मुक्त कराया गया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

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