मानसून की बारिश से बिहार में आफत, गंडक व बूढ़ी गंडक नदियां बह रही खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ के आसार
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पटना। मानसून की बारिश के कारण बिहार के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात के आसार हैं। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बुधवार को बिहार के लिए एक नारंगी बुलेटिन जारी किया। इसमें प्रदेश के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति की भविष्यवाणी की गई। बता दें कि बीते कुछ दिनों से बिहार में मानसून की बारिश हो रही है।
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केंद्रीय जल आयोग ने बिहार में गंडक व बूढ़ी गंडक नदी के लिए ऑरेंज फ्लड बुलेटिन जारी किया है। बुधवार सुबह आठ बजे तक बिहार में गंडक और बूढ़ी गंडक नदियां अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। सीडब्ल्यूसी की एडवाइजरी के अनुसार, बिहार के गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी 62.4 मीटर के स्तर पर बढ़ती हुई प्रवृत्ति के साथ बह रही थी जो कि 62.22 मीटर के खतरे के स्तर से 0.18 मीटर ऊपर और 64.36 मीटर (2020-07-24)) के अपने पिछले एचएफएल से 1.96 मीटर नीचे है।
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के चनपटिया में बूढ़ी गंडक नदी गंभीर स्थिति में बह रही है। दरअसल, नेपाल व गंडक नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश ने बिहार की चिंता बढ़ा दी है। नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद गंडक नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है। वाल्मीकि नगर बराज से सवा तीन लाख घनसेक पानी छोड़े जाने से जल स्तर में करीब 1 मीटर की वृद्धि हुई है। सदर प्रखंड के निचले इलाकों में नदी का पानी घुसने के बाद लोग पलायन कर रहे हैं।
गंडक नदी में नावों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। कई गांवों में नदी का पानी घुस गया है। गंडक की बाढ़ का कहर भी दिखना शुरू हो गया है। मांझा के निमुइयां में सड़क बह गई है। सड़क बहने से परिचालन ठप हो गया है। बाढ़ से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थलों पर ले जाने जाने की कवायद शुरू कर दी गई है।
सीएम ने भारी वर्षा और संभावित बाढ़ के हालात को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग और सभी संबंधित जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार भारी बारिश की संभावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग विभाग पूरी तरह अलर्ट रहें।