September 22, 2024

बिहार पुलिस की बड़ी लापरवाही : दो साल से पहले जिसकी मौत हुई उसको बना दिया इस एक्ट में आरोपी, पढ़ें पूरी खबर

जहानाबाद । बिहार पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। थाने में 10 जून को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के अलावा अन्य कई धाराओं में दर्ज एक मुकदमे में एक ऐसे व्यक्ति को आरोपित बना दिया गया, जिसकी मौत हुए दो साल से अधिक हो गए हैं। जहानाबाद के घोसी थाना क्षेत्र के वैना गांव के जगदीश दास की ओर से दर्ज कराए गए केस के एक आरोपित गांव के 23 वर्षीय नीरज कुमार की मौत 2019 के 14 मई को ही हो गई है। इसके बावजूद आरोपित नंबर सात पर उसका नाम दर्ज है।

जगदीश दास ने एसी-एसटी थाने में दर्ज केस में मृतक समेत गांव के ही आठ लोगों को आरोपित बनाया। उसने पुलिस को दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि नौ जून की सुबह वह गांव की ही एक दुकान से कुछ सामान खरीदने गया। उसी स्थान पर सभी आठों आरोपित खड़े थे। उसे देखते ही वे लोग गाली देने लगे और उसकी जाति के बारे में अपमान जनक बातें कहीं।

आरोपितों ने लात-घुंसे से उसकी पिटाई भी कर दी। जगदीश दास ने यह भी आरोप लगाया है कि किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर वह भागा। आरोपितों ने यह भी धमकी दी है कि यदि मुकदमा किया तो परिणाम काफी बुरा होगा।

इधर, ग्रामीण बताते हैं कि रंगनाथ शर्मा के बेटे नीरज कुमार की दो साल पहले ही मौत हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार वह किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित था। काफी इलाज के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका। उक्त युवक की मौत का निबंधन भी मोदनगंज प्रखंड की गंधार ग्राम पंचायत में दर्ज है। ग्राम पंचायत की ओर से निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र में पंजीकरण की तिथि एक जुलाई 2019 अंकित है।

इस बारे में पूछे जाने पर अनुसूचित जाति/जनजाति थानाध्यक्ष बालेश्वर पासवान ने बताया कि एफआईआर की गई है। सूचक की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर एफआईआर में मृत व्यक्ति का नाम अंकित पाया जाता है तो उक्त नाम को तत्काल हटाया जाएगा।

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