खाजेकलां घाट खतरनाक, फिर भी गंगा में स्नान -तालाब तैयार, मगर नहीं भरा गया अपराह्न तक गंगा जल

पटना सिटी। जिला प्रशासन ने यहां के 8 घाटों को खतरनाक घोषित किया। खासकर खाजेकलां घाट, केशव राय घाट और मिर्चाई घाट इसमें शामिल रहा। प्रशासन और निगम पदाधिकारियों के घेराव के बाद खतरनाक घोषित केशव राय घाट और मिर्चाई घाट को लंबाई में छोटे घाट के रूप में ही सही, उसे श्रद्धालुओं के उपयोग के लिए तैयार कर दिया गया है। मगर इन दोनों घाटों के ऊपर तालाब का निर्माण नहीं कराया गया है। दूसरी ओर खाजेकलां घाट को खतरनाक घोषित किया गया, मगर गंगा घाट के किनारे बैरिकेडिंग किया गया है। नहाए-खाए और खरना के दिन व्रती से लेकर श्रद्धालु तक गंगा नदी में उतरे, स्नान किया और जल पात्र में भर कर गंतव्य को लौटे। इस दौरान तालाब तो तैयार है, मगर उसमें गंगा का पानी नहीं उड़ेला गया और न ही फव्वारा लगाया गया। इस कारण से व्रती और श्रद्धालु को उस खतरनाक घाट में उतर कर ही स्नान करना, कपड़ा धोना, गेहूं धोना आदि काम करना पड़ा। सवाल यह है कि जिन घाटों को खतरनाक घोषित किया जाता है, बाद में उसी घाट को व्रती और श्रद्धालुओं के लिए किस आधार पर तैयार करा दिया जाता है, यह समझ से परे है।
