पटना जंक्शन पर कोरोना जांच कराने के साथ ही विधि व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए लगी थी ड्यूटी, गायब होने पर चार मजिस्ट्रेट के खिलाफ एफआईआर
पटना। कोरोना की रोकथाम व लोगों को संक्रमण से बचाने में कुछ जिम्मेदार अधिकारी ड्यूटी के प्रति घोर लापरवाही बरत रहे हैं। पटना जंक्शन पर 12 अप्रैल को ऐसे चार मजिस्ट्रेट अपनी ड्यूटी से गायब मिले। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम के आदेश पर इनके खिलाफ एफआईआर कराई गई है।
इन सभी के खिलाफ स्पेशल एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट अरुण कुमार सिंह के बयान पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व एपेडेमिक डिजिजेज एक्ट 1997 और आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिन मजिस्ट्रेटों पर एफआईआर हुई हैं, उनमें जिला उद्यान विभाग के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा, पटनासिटी भवन प्रमंडल गुलजारबाग के जूनियर इंजीनियर गौतम प्रसाद गौंड, पटना सदर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हरिशचंद्र चौधरी तथा पथ प्रमंडल गुलजारबाग के तहत सरमेरा पथ अवर प्रमंडल के जूनियर इंजीनियर अखिलेश शामिल हैं। एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि गांधी मैदान थाना प्रभारी रणजीत वत्स ने की है।
बताया गया है कि इन चारों पदाधिकारियों की ड्यूटी पटना जंक्शन पर जिला नियंत्रण कक्ष की ओर से मजिस्ट्रेट के रूप में की गई थी। उस समय बाहर से ट्रेन से काफी संख्या में लोग पटना आ रहे थे। उन लोगों की कोरोना जांच कराने के साथ ही विधि व्यवस्था को नियंत्रित करने के उद्देश्य से इनकी ड्यूटी लगाई थी, लेकिन ये लोग अपनी ड्यूटी से गायब थे। इसकी सूचना जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह को दी गई थी। इसके बाद चारों पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया था। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं मिलने के बाद उन सभी के खिलाफ के एफआईआर करा दी गई है।