विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू समाज में फैलाना चाहते हैं जातीय उन्माद, भाजपा करे कार्रवाई : प्रो. जगन्नाथ

पटना। अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य प्रो. (डॉ.) जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ने बयान जारी कर कहा है कि भाजपा के बाढ़ से विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू द्वारा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल पर जातिवाद का आरोप लगाना बिल्कुल ही उचित नहीं है, वे इस तरह का बयान देकर समाज में जातीय उन्माद फैलाना चाहते हैं। डॉ. गुप्ता ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व से मांग किया कि भाजपा के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने जो ब्यान दिया है उस पर कार्रवाई करते हुए विधानसभा से निलंबित किया जाए और भाजपा पार्टी से भी उन्हें 6 वर्षों के लिए निष्कासित किया जाए।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि एनडीए में राजपूत समाज के 16 विधायक में से पांच मंत्री बनाए गए हैं। वहीं एनडीए गठबंधन में वैश्य समाज से आने वाले 16 विधायकों में से मात्र तीन मंत्री बने हैं। डॉ. गुप्ता ने कहा कि पहले भी एनडीए के 11 वैश्य विधायकों में से 3, जिसमें डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी एवं दो अन्य मंत्री हुआ करते थे, जबकि आज वैश्य समाज के 16 विधायकों में मात्र तीन को मंत्री बनाए जाने पर वैश्य समाज के लोगों में आक्रोश और गुस्सा है।
डॉ. गुप्ता ने आगे कहा कि ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ वाली कहावत भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू कर रहे हैं। उनका गुस्सा अपरोक्ष रूप से भाजपा विधायक नीरज सिंह बबलू को लेकर है, जिन्हें नीतीश कैबिनेट में शामिल किया गया है लेकिन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल पर बोलना अनुशासन के खिलाफ है। उन्होंने ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू पर अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए विधायक पद से निलंबित करने की मांग किया है। साथ ही डॉ. गुप्ता ने कहा कि अगले मंत्रिमंडल विस्तार में वैश्य समाज से आने वाले 5 में से कम से कम दो को मंत्री बनाया जाना चाहिए तभी हमें सम्मान और उचित भागीदारी मिलेगी। डॉ. गुप्ता ने कहा कि 12 विधान पार्षद जो राज्यपाल कोटे से मनोनीत किये जा रहे हैं, उसमें कम से कम तीन वैश्य समाज के लोगों को बनाया जाए। इसके अलावा विभिन्न बोर्डों, निगमों एवं अन्य संस्थानों में वैश्य समाज को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए।

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