PATNA : श्रमिक संगठनों का हड़ताल, इंटक बोला- श्रमिकों एवं मजदूरों पर हमला बर्दाश्त नहीं
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पटना। केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर केन्द्र एवं राज्य सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ बिहार के विभिन्न जिलों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक संगठनों ने प्रदर्शन कर हड़ताल किया। इस अवसर पर मजदूर कांग्रेस (इंटक), बिहार के नेतृत्व में संबद्ध श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्टेशन गोलंबर से डाकबंगला चौराहा तक मार्च किया और सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर केन्द्र-राज्य सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुये इंटक के उपाध्यक्ष सह प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार ने कल-कारखानों एवं अन्य संस्थानों में काम करने वाले कर्मियों की नौकरी की सुरक्षा समाप्त कर प्रबंधन को यह अधिकार दे दिया है कि जब चाहे किसी को काम से हटा सकते हैं। इतना ही नहीं, 135 वर्ष पूर्व हासिल किये गये कार्य अवधि के अधिकार को भी इस सरकार ने समाप्त कर इसे 08 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है। औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1946 एवं इसके नियमावली में संशोधन कर नियमित रोजगार के बदले फिक्सड टर्म एम्प्लॉयमेंट को स्थापित किया गया है। इस बदलाव का व्यापक प्रभाव देश के नियमित रोजगार पर पड़ेगा और आने वाले समय में रोजगार की सुरक्षा नहीं रह जायेगी। श्री सिंह ने केन्द्र सरकार द्वारा देश की प्रमुख नवरत्न कम्पनियों के अतिरिक्त रेल, कोयला, बैंक, बीमा आदि को बेचने अथवा निजीकरण के रास्ते पर ले जाने की भी कड़ी आलोचना की।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार जिस तरह से मजदूरों के हक और अधिकार को दबाने के लिए एकतरफा कानूनों में बदलाव कर रही है, ऐसी स्थिति में श्रमिक संगठनों के पास हड़ताल के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बच जाता है। इस अवसर पर इंटक की ओर से श्रीनंदन मंडल, अखिलेश पांडेय, आशुतोश कुमार, पवन कुमार, भूपेश गुप्ता, संगीता देवी, संतोष कुमार आदि उपस्थित थे।
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