जदयू की सीटें घटने का असर : सीएम के गृह जिला नालंदा से एक भी मंत्री नहीं
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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू को कम सीटें आने का असर मंत्रिमंडल में स्पष्ट रूप से दिखा। कहने में यह कतई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अबकी बार मंत्रिमंडल में झलक भाजपा की दिख रही है। जदयू के कई विधायक मंत्री बनने से चूक गए हैं, जिसका मलाल जदयू को भी है। जेपी आंदोलन के जरिए बिहार की राजनीति में कदम रखने वाले पूर्व मंत्री श्रवण कुमार को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। इस तरह अब सीएम नीतीश के गृह जिला नालंदा से सिर्फ नीतीश कुमार रह गए हैं। इसे चुनाव में जदयू की सीटें घटने से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब श्रवण कुमार को संगठन में महत्वपूर्ण जवाबदेही दी जा सकती है। ताकि वे संगठन और कसने का काम कर सकें। वे जदयू के लक्ष्य 2025 पर काम करेंगे।
बता दें श्रवण कुमार समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के चुनावी कर्ताधर्ता रहे हैं। चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते हैं। विपरीत राजनीतिक परिस्थितियों में भी चुनाव जीतते रहे हैं। यही वजह है कि वे 1995 के बाद लगातार सातवीं बार विधायक चुने गए। इस दौरान उन्होंने संसदीय कार्य विभाग समेत कई अन्य विभागों के दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन भी किया।
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