बहुत मजबूत हो गए हैं मांझी-बिना मांझी के ना नीतीश,ना भाजपा,ना राजद
पटना।बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के उपरांत हिंदुस्तान आवाम मोर्चा सेकुलर के अध्यक्ष जीतन राम मांझी पटना पहुंचे।पटना पहुंचते ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे।वे नीतीश कुमार के कैबिनेट में शामिल होंगे। जीतन राम मांझी की पार्टी ने कुल 4 सीटों पर जीत हासिल की है।बगैर जीतन राम मांझी के एनडीए की सरकार नहीं बन सकती है।मौजूदा राजनीतिक माहौल में जीतन राम मांझी की प्रासंगिकता बेहद बढ़ गई है। दरअसल जीतन राम मांझी का समान संबंध एनडीए तथा महागठबंधन से रहा है।2014 में लोकसभा के चुनाव में बड़ी हार का सामना करने के उपरांत नीतीश कुमार ने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी जीतन राम मांझी को दे दी थी।मगर बहुत लंबे समय तक नीतीश कुमार जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री नहीं स्वीकार कर सकें।उन्होंने जीतन राम मांझी को पद से हटा दिया था।2015 के विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी तथा उनकी पार्टी हम सेकुलर भाजपा के साथ महागठबंधन के विरुद्ध मैदान में उतरी थी।हालांकि बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई।मांझी अकेले सिर्फ अपनी सीट पर जीत हासिल कर सके।2019 के चुनाव में जीतन राम मांझी अपनी पार्टी हम सेकुलर के साथ महागठबंधन का हिस्सा थे।मगर संसदीय चुनाव में उनके हाथ एक भी सीट नहीं लगी। 2020 के चुनाव में भी जीतन राम मांझी महागठबंधन के साथ थे मगर चुनाव के ठीक पहले महागठबंधन के द्वारा तवज्जो नहीं मिलने के कारण जदयू-भाजपा के साथ आ गए। फिलहाल जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनाने की वकालत कर रहे हैं।चर्चा तो यह भी है कि जीतन राम मांझी अपने बेटे को भी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाना चाह रहे हैं।मगर जीतन राम मांझी के पार्टी को 4 सीटें मिलने से प्रदेश की राजनीति में जो लोग जीतन राम मांझी के राजनीतिक अवसान की भविष्यवाणी कर रहे थे।उन्हें करारा झटका हाथ लगा है।अपने 4 विधायकों के साथ जीतन राम मांझी 2020 के विधानसभा चुनाव के उपरांत बेहद मजबूत भूमिका में आ गए हैं।