पृथ्वी शा से युवाओं को लेनी चाहिए प्रेरणा- सुमित कुमार सिंह

जदयू नेता सह चकाई के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह ने कहा है कि बिहार के बेटे ने फिर किया कमाल। बिहार के गया मानपुर के मूल निवासी 18 वर्षीय पृथ्वी शॉ ने अपने पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में 134 रनों की पारी खेल सबको चमत्कृत कर दिया। पृथ्वी मानपुर के कपड़ा दुकानदार अशोक साह जी का पोता है। दादा यहीं सपरिवार रहते हैं। पिता पंकज साह उर्फ पंकज शॉ जी मानपुर गया से मुम्बई रोजी-रोटी की तलाश में गए। पृथ्वी जब चार साल के थे, तभी उनकी मां का देहांत हो गया। पिता अशोक और बुआ आरती ने मिलकर पृथ्वी को पाला। बिन मां के इस बेटे ने अपने जौहर बचपन से दिखाने शुरू कर दिए थे। तब पिता सबकुछ छोड़ बेटे का कैरियर संवारने में जुट गए।
परिणाम हुआ कि 14 वर्ष की उम्र से ही इन्हें देश के क्रिकेट का भावी सितारा माना जाने लगा। पृथ्वी ने अपने पहले रणजी मैच में शतक, पहले दिलीप ट्रॉफी मैच में शतक, अंडर 16 में शानदार प्रदर्शन, अंडर 19 में तो कप्तानी कर विश्व कप जिताया। बेहतरीन बल्लेबाज हैं पृथ्वी। यह गौरव की बात है कि अपने राज्य बिहार की संतान हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात कि पृथ्वी के पीछे उनके दादा अशोक साह जी, पिता पंकज शॉ जी और बुआ आरती जी समेत सबका अतुलनीय योगदान एवं कुर्बानी है। हम सबको इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। पृथ्वी को बहुत बधाई, शुभकामनाएं, शुभाशीष। वह सफलताओं का और ऊंचा एवं निरंतर कीर्तिमान बनाएं, हम सबकी यही कामना है।


 

You may have missed