आगामी चुनाव में क्या रंग लाएगी तेजस्वी यादव की ‘माफी’ तथा ‘धैर्य’ की रणनीति?
पटना।(बन बिहारी)सियासी गलियारों में तेजस्वी यादव के माफी तथा धैर्य की राजनीति को लेकर कयासों का दौर आरंभ है।आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में राजग तथा महागठबंधन दोनों खेमों के द्वारा अपने अपने स्तर पर लड़ाई छेड़ दी गई है।महागठबंधन का नेतृत्व फिलहाल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ही कर रहे हैं।मौजूदा विधानसभा में सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी राजद के तरफ से तेजस्वी यादव सीएम कैंडिडेट भी हैं।तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष होने के साथ-साथ राजद अध्यक्ष लालू यादव के पुत्र भी हैं।यह चुनाव तेजस्वी यादव के लिए अग्निपरीक्षा है।इसलिए अपनी रणनीतियों में वरीय सलाहकारों के सलाह को भी तेजस्वी यादव फॉलो कर रहे हैं। तेजस्वी की प्लानिंग धीरे-धीरे नीतीश सरकार को घेरने लगी है।माय समीकरण के लिए समझे जाने वाले राजद के साथ अन्य वोट बैंक को जोड़ने के लिए तेजस्वी यादव अपने माता-पिता लालू-राबड़ी के शासनकाल के दौरान हुए तथाकथित अन्याय पूर्ण रवैया के लिए ‘माफी’ मांग चुके हैं।तेजस्वी की ‘माफी’ आने वाले चुनाव में क्या रंग दिखाती हैं।इसका तो खैर इंतजार रहेगा।मगर फिलहाल तेजस्वी की ‘माफी’ के साथ राज्य के मौजूदा सरकार से नाराज मतदाताओं का वर्ग प्रभावित होता दिख रहा है।दरअसल राज्य में आम जनमानस के बीच आज भी दो ही विकल्प दिखते हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव।ऐसे में नीतीश कुमार जिलास्तरीय वर्चुअल सम्मेलन के दौरान अपने कार्यकर्ताओं से कह चुके हैं कि वे लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के कारनामों को लेकर जनता के बीच जाएं।मतलब साफ है आज भी बिहार में एनडीए लालू-राबड़ी शासन काल के दौर की याद दिला कर वोट लेने की फिराक में है।मगर तेजस्वी यादव की ‘माफी’ तथा ‘धैर्य’ की रणनीति ने राजग के रणनीतिकारों को सोचने पर विवश कर दिया है।दरअसल लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान कथित तौर पर अन्याय के शिकार हुए मतदाता वर्ग,जिनकी नाराजगी संभवत अभी तक कायम हो,उनकी नाराजगी भुनाने के लिए एनडीए तो अपनी चाल चल चुका है।मगर साथ ही राज्य के उस ‘बड़े तबके’ को पुरानी बातों को भूल जाने के लिए तेजस्वी यादव की माफी भी संभवत पसंद आने लगी है।यह बात अलग है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के द्वारा अपने माता-पिता के शासनकाल को लेकर मांगी गई ‘माफी’ के अभिप्राय अलग-अलग निकाले जा रहे हैं। उल्लेखनीय है की एक कार्यक्रम के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि 15 साल के लालू-राबड़ी शासन के दौरान जो भी हुआ,वह उस वक्त हुआ,जिस वक्त हम छोटे थे,उस वक्त सरकार में क्या हो रहा था,यह सब हम नहीं जानते थे, इसलिए हम माफी मांगते हैं और आपसे अपने लिए एक मौका चाहते हैं।उन्होंने कहा कि वे जंगलराज के कलंक को हटाने का इरादा रखते हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजस्वी यादव की माफी राजग के राजनीतिक चक्रव्यूह का काट भी हो सकता है।