बिहार में कोरोना वायरस से पहली मौत, पटना एम्स में दम तोड़ा मरीज ने,कतर से लौट कर आया था
पटना/फुलवारी शरीफ । पटना से बड़ी खबर एम्स से आ रही है। पटना एम्स में मुंगेर निवासी एक मरीज जो किडनी रोग का इलाज कराने आया था। दो दिन पहले ही एम्स में भर्ती हुआ था। एम्स के चिकित्सकों ने उसे संदिग्ध कोरोना मरीज मानकर आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज कर रहे थे जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गयी। मरीज की मौत के घंटो बाद जब उसकी रिपोर्ट पटना के आरएमआरआई से एम्स पहुंची तब पता चला कि किडनी रोग ग्रस्त मरीज की मौत कोरोना से ही हुई है। सोर्स बताते हैं कि मुंगेर निवासी किडनी रोगग्रस्त मरीज 38 वर्षीय सैफ अली की मौत कोरोना से हो गयी । कोरोना रोग की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के पहले ही उसकी मौत हो गयी थी । इसके बाद उसके परिजन डेड़ बॉडी लेकर अपने गाँव चले गए । सोर्स बताते हैं कि सैफ विदेश में कतर में काम करता था जहां से बीमार होने पर बिहार आया और फिर उसके परिजन उसे एम्स लेकर आये थे।
पटना एम्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि मुंगेर निवासी एक मरीज किडनी रोग का इलाज कराना आया था जिसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। शनिवार सुबह ही उसकी मौत इलाज के दौरान हो गयी लेकिन उसकी रिपोर्ट आरएमआर आई से शनिवार की देर शाम मिली। उन्होंने कहा कि मुंगेर के मरीज की मौत कोरोना से ही हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट (RMRI) में दो मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसमें एक की मौत भी हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जिस मरीज की मौत हुई है, वह पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी का इलाज करा रहा था। वह मुंगेर जिला का रहने वाला था। प्रधान सचिव ने मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की भी पुष्टि की। हालांकि, इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव व आरएमआरआइ के निदेशक के बयान अलग-अलग हैं।
पटना के आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि देर रात जांच में दो कोरोना पॉजिटव मामले मिले हैं। उन्होंने बताया कि देर रात तक 114 नमूनों की जांच हुई थी, जिनमें शाम तक सौ सैंपल की जांच पूरी हो चुकी थी। उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिला। लेकिन देर रात क शेष 14 सैंपल की जांच के दौरान दो की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी दिल्ली में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री व प्रधान सचिव को दी गई है।