निर्भया कांड: बिहार पहुंचा दोषी अक्षय ठाकुर का शव, बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि
औरंगाबाद। देश की बहुचर्चित निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के दोषी अक्षय ठाकुर को नई दिल्ली के तिहाड़ जेल में शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे फांसी दिए जाने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर शुक्रवार दोपहर स्वजनों को सौंप दिया गया था। स्वजन अक्षय का शव लेकर शनिवार की सुबह बिहार के औरंगाबाद स्थित लहंग कर्मा गांव पहुंचे, जहां अक्षय ठाकुर के नौ साल के बेटे ने उसे मुखाग्नि दी। अक्षय का शव गांव पहुंचने के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। उसके घर से चीत्कार की गूंज सुनाई दे रही थी, वहीं महिलाएं उसकी पत्नी को संभालने में जुटी थी।
बता दें कि निर्भया कांड में 7 साल के बाद निर्भया के चार दोषियों को फांसी दी गई। उक्त चारों दोषियों में एक अक्षय ठाकुर भी था। फांसी की सजा होने के एक दिन पहले अक्षय की पत्नी पुनीता कुमारी, भाई व अन्य स्वजन बिहार से दिल्ली पहुंच चुके थे और फांसी होने के बाद जेल प्रशासन ने अक्षय के शव को उसके स्वजनों को सौंप दिया था। परिजन दिल्ली से एंबुलेंस से गांव के लिए रवाना हो गए थे। उधर फांसी की सजा से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा और ग्रामीण अक्षय का शव घर पहुंचने का इंतजार करते रहे। अक्षय के गांव में चूल्हे नहीं जले।
बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की वह काली रात दिल्ली में एक फिजियोथिरेपिस्ट युवती निर्भया के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। घटना के दौरान उसके साथ जबरदस्त दरिंदगी भी की गई थी। इलाज के दौरान सिंगापुर में निर्भया की मौत हो गई थी।