कोरोना इफेक्ट : बिहार में औंधे मुंह गिरा मुर्गी पालन का कारोबार
फुलवारीशरीफ। जहां पूरी दुनिया कोरोना के डर से सहमा है। इसका असर कारोबार पर भी पड़ रहा है लेकिन फुलवारीशरीफ में इसका सबसे बड़ा असर मुर्गी पालन पर पड़ा है। शुक्रवार को फुलवारीशरीफ के वभनपुरा, धुपारचक के आधा दर्जन मुर्गी फार्म का दरवाजा आम लोगों के लिए खोल दिया गया। मुफ्त मुर्गा वितरण की खबर आसपास के इलाके में फैलते ही मुफ्त मुर्गा लेने वालों की भीड़ फार्म पर जुट गई। वहीं कई फार्म संचालक मुर्गा को वाहन में भरकर गांव तक पहुंचकर निशुल्क वितरण में जुटे हैं। फार्म संचालक सत्येन्द्र शर्मा ने बताया कि फार्म में मौजूद मुर्गा को खिलाने में जो लागत लग रही है, उतना भी पैसा वापस नहीं लौट पा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण खरीदारों में आई कमी है। आज बाजार में मुर्गा 40 से 50 रूपए किलो ही बिक पा रही है। जबकि मुर्गा को रखने और उसको खिलाने में इससे ज्यादा रूपए की लागत आ रही है। सबसे बड़ी परेशानी मुर्गा नहीं बिकने के कारण रूपयों का ट्रांजेक्शन नहीं होने से दाना दुकानदार का फार्म संचालक पर काफी कर्जा गिरता जा रहा है। आज वभनपुरा, धुपारचक, भेलुरा रामपुर के आधा दर्ज मुर्गा फार्म में लगभग पांच लाख रूपयों के ज्यादा के मुर्गा को मुफ्त में बांटा गया। कई फार्म पर पहले सही ताला लटक चुका है। एक तरह से मुर्गी पालन का कारोबार औंधे मुंह गिर गया है।