पटना में कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने जदयू ने किया शक्ति प्रदर्शन, भीड़ को लेकर उठ रहे सवाल
पटना। राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रविवार को जदयू ने कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने जमकर शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान जदयू ने इसी साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद भी किया। सम्मेलन में पार्टी के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच से बिहार में अपराध घटने तथा न्याय के साथ विकास की बात कही। उन्होंने विधानसभा चुनाव में दो सौ से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने का दावा किया, साथ ही सीएम नीतीश राजद पर हमला बोलने से भी नहीं चूके। राजद के 15 साल के शासनकाल से अपने शासनकाल की तुलना करते हुए उन्होंने लालू यादव व उनके परिवार पर जमकर निशाना साधा।
लेकिन इस सम्मेलन पर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भले जदयू ने सम्मेलन में दो लाख कार्यकर्ताओं के जुटने का दावा किया हो, परंतु सम्मेलन में दावे के अनुरूप कार्यकर्ताओं की भीड़ नहीं जुटी। जब सीएम नीतीश का संबोधन हो रहा था तब सड़कों पर कार्यकर्ताओं की भीड़ तो नजर आ रही थी, परंतु गांधी मैदान के अंदर कार्यकर्ताओं की भीड़ जदयू नेताओं के दावे के मुताबिक नहीं दिखी। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इसी गांधी मैदान में बीते 27 फरवरी को हुई सीपीआई एम के नेता कन्हैया कुमार के महारैली जितना भी भीड़ जदयू के नेता सम्मेलन में जुटाने में सफल नहीं हो पाए, जबकि बिहार में जदयू की सत्ता है और बिहार भर के जदयू कार्यकर्ता को सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।
बता दें गांधी मैदान में आयोजित जदयू के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ठीक पांच साल पहले इसी गांधी मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ था। उसके बाद आज हो रही है। विधानसभा चुनाव में सबों की अहम भूमिका होगी। पार्टी की सभी कमेटियां काम करेंगी। श्री कुमार ने लालू-राबड़ी राज से अपने कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा कि बिहार में अपराध का ग्राफ घटा हुआ है। राज्य में संज्ञेय अपराध घटे हैं। देश के औसत से ये अपराध कम हैं। संज्ञेय अपराधों के मामले में बिहार का 23वां स्थान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हत्या की ज्यादातर घटनाएं जमीन व आपसी विवाद के कारण हो रही हैं। ऐसे विवाद कम करने के लिए पारिवारिक बंटवारे की सांकेतिक दर केवल 100 रुपये कर दी गई। अब जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाना आसान हुआ है। कहा कि सर्वे सेटलमेंट के लिए बिहार में पहली बार एरियल सर्वे कराया गया। सरकार आठ हजार कर्मचारियों व अमीनों की बहाली कर रही हैं। सरकार के काम का ही फल है कि आज जमीन की कीमतें बढ़ गयीं हैं। श्री कुमार ने कहा कि पहले आवासीय, जाति व आय से लेकर अन्य प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पैर के चप्पल घिस जाते थे। अब यह आसान हो गया है। सरकार ने लोक शिकायत निवारण कानून बनाया। लोक सेवक शिकायत निवारण की व्यवस्था बनाई। 6.60 लाख लोक शिकायतों का निवारण कराया गया।
वहीं शिक्षा के क्षेत्र में हुए काम की चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाया। लड़कियों के लिए पोशाक योजना शुरू की। साइकिल योजना से लड़कियों का आत्मसम्मान बढ़ा। लड़कों के लिए भी साइकिल योजना शुरू की। वे नौवीं के 15 लाख बच्चों को साइकिल दे रहे हैं। इसका फायदा यह हुआ है कि मैट्रिक में लड़के-लड़कियों की संख्या बराबर हो गयी है। उन्होंने मंच से नियोजित शिक्षकों को आश्वासन और नसीहत देते हुए कहा कि साढ़े तीन लाख शिक्षकों को मानदेय के बदले वेतन दिया, लेकिन आज विरोध हो रहा है। शिक्षकों की हड़ताल पर कहा कि जो हो सकेगा, वो आगे भी करते जाएंगे। अगर वे नहीं पढ़ाएंगे तो अलोकप्रिय हो जाएंगे। नीतीश ने आगे कहा कि राज्य में आवागमन की सुविधा भी बढ़ी है। सड़कों का निर्माण हुआ है। उन्होंन कहा कि पंचायतों में महिलाओं को आरक्षण दिया गया है। जीविका से जुड़कर महिलाएं आगे बढ़ रहीं हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर नीतीश कुमार ने राजद को निशाने पर लेते हुए कहा कि 15 साल में उन लोगों ने भागलपुर दंगा के दोषियों को बचाने का काम किया। जबकि, हमने सजा दिलाई। मुस्लिम समुदाय के लिए किए अपने काम को गिनाते हुए कहा कि आज कुछ लोग मुस्लिम समाज को भ्रमित करने में लगे हैं। नीतीश ने तेजस्वी यादव की डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग पर बिहार से पलायन के आरोप को खारिज कर दिया। कहा कि देश में कोई भी कहीं भी जाकर काम कर सकता है। केरल से आने वाली नर्सों का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में भी बाहर से लोग आकर काम करते हैं। श्री कुमार यही नहीं रूके उन्होंने तेजस्वी यादव की बेरोजगारी यात्रा पर तंज कसते हुए सवाल किया कि पहले रोजगार का क्या हाल था? आज बिहार के लोगों को नौकरियां मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में हुए अन्य कार्यों को भी गिनाया तथा कहा कि आज बिहार की चर्चा बेहतरी के लिए हो रही है। यहां न्याय के साथ विकास हो रहा है। तेजस्वी यादव पर इशारा करते हुए कहा कि कम उम्र में राजनीति में आए कुछ लोग केवल मीडिया की खबरों को देखकर बयानबाजी करते हैं, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं। इससे पूर्व कार्यकर्ता सम्मेलन को जदयू सांसद ललन सिंह, पार्टी के महासचिव आरसीपी सिंह, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्याम रजक, अशोक चौधरी, रमेश ऋषिदेव, संजय झा, महेश्वर हजारी, लक्ष्मेश्वर राय आदि ने भी संबोधित किया।