मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, बिहार और झारखंड के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी, मचा हड़कंप

रांची/पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार और झारखंड में एकसाथ कई ठिकानों पर छापेमारी की है। मंगलवार को ईडी की टीमें रांची, बोकारो, रामगढ़ समेत कुल 16 स्थानों पर पहुंचीं, जहां अवैध लेन-देन और जमीन घोटाले से जुड़े सुरागों की तलाश की जा रही है। इस छापेमारी से दोनों राज्यों की राजनीति और प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
103 एकड़ संरक्षित वन भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त
ईडी की यह कार्रवाई बोकारो जिले के तेतुलिया क्षेत्र में स्थित 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री से जुड़ी हुई है। वर्ष 2022 में इस जमीन की खरीद-फरोख्त में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर धोखाधड़ी की गई थी। इस मामले की शुरुआती जांच झारखंड पुलिस की सीआईडी ने की थी। जांच में पाया गया कि जमीन माफिया और बीएसएल (बोकारो स्टील लिमिटेड) के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से यह गड़बड़ी की गई।
फर्जी दस्तावेज और सरकारी नियमों की अनदेखी
सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर यह सामने आया कि जिस जमीन की खरीद-बिक्री की गई, वह संरक्षित वन भूमि थी और इसकी खरीद कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद न केवल जमीन बेची गई, बल्कि इसके लिए फर्जी कागजात भी तैयार किए गए। इस घोटाले में कई प्रॉपर्टी डीलरों, बिल्डरों और सरकारी कर्मियों की संलिप्तता की बात सामने आई है।
राजबीर कंस्ट्रक्शन और उसके मालिक के खिलाफ जांच
ईडी की टीम ने रांची स्थित हरिओम टावर बिल्डिंग में स्थित राजबीर कंस्ट्रक्शन के कार्यालय पर छापेमारी की है। इस कंपनी के मालिक का नाम पहले भी कई विवादों से जुड़ा रहा है। 26 सितंबर 2023 को इस कंपनी के ठिकानों पर जीएसटी विभाग ने भी छापा मारा था। राजबीर कंस्ट्रक्शन के मालिक का एक मेडिकल शॉप भी है, जिसे इस बार की छापेमारी में खंगाला गया है। ईडी को संदेह है कि जमीन घोटाले से कमाए गए पैसे को अलग-अलग कारोबारों में निवेश कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।
ईडी की जांच से खुल सकते हैं कई राज
ईडी की इस कार्रवाई के दौरान कई दस्तावेज, कंप्यूटर और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि इनसे बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हो सकता है। जांच एजेंसी उन सभी व्यक्तियों और कंपनियों की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है, जो इस जमीन घोटाले से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़े हैं।
जांच के दायरे में और भी नाम
इस मामले में कुछ और बिल्डरों, दलालों और सरकारी अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं। अब तक की कार्रवाई में यह साफ हो गया है कि इस घोटाले की जड़ें गहरी हैं और इसमें कई रसूखदार लोग शामिल हो सकते हैं। ईडी की कार्रवाई अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की उम्मीद है। इस कार्रवाई ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि संरक्षित भूमि की खरीद-बिक्री जैसे मामलों में सरकारी मशीनरी की चूक कितनी बड़ी है और माफियाओं का जाल किस हद तक फैला हुआ है।
