पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए शुरू हुआ रजिस्ट्रेशन: 220 रुपए लगेगा शुल्क, 600 से अधिक बैंकों में व्यवस्था

श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा, जो देश की सबसे पवित्र और कठिन तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है, उसके लिए 2025 में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। श्रद्धालु अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस बार रजिस्ट्रेशन शुल्क 220 रुपए तय किया गया है।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 600 से अधिक बैंक शाखाएं
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस बार ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए देशभर में 600 से अधिक बैंकों की शाखाओं में यह व्यवस्था की गई है। इस यात्रा में हर साल लाखों लोग शामिल होते हैं, इसलिए सरकार और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
यात्रा की तारीखें और रूट
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, जो कि रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। कुल मिलाकर यात्रा 39 दिनों की होगी। तीर्थयात्रा दो मार्गों से संपन्न होगी – एक पहलगाम (अनंतनाग) से और दूसरा बालटाल (गांदरबल) से। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार करीब 6 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए यात्रा कर सकते हैं।
बेहतर सुविधाओं की योजना
5 मार्च को आयोजित श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 48वीं बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाने को लेकर कई निर्णय लिए गए। बोर्ड ने केवाईसी प्रक्रिया, आरएफआईडी कार्ड, ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन और अन्य व्यवस्थाओं को सुधारने का फैसला लिया है। इसके अलावा जम्मू, श्रीनगर, बालटाल, पहलगाम, नुनवान और पंथा चौक में ठहरने और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को भी बेहतर बनाया जा रहा है।
हेल्थ चेकअप अनिवार्य
यात्रा में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ऊंचाई पर यात्रा के दौरान किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके। कई श्रद्धालु उत्साह के साथ अपनी दूसरी या तीसरी बार यात्रा पर निकलते हैं, ऐसे में स्वास्थ्य सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।
रूट की जानकारी और कठिनाई
पहलगाम रूट अपेक्षाकृत आसान माना जाता है, लेकिन इसमें तीन दिन का समय लगता है। इस रूट में पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है, जो बेस कैंप से 16 किलोमीटर दूर है। इसके बाद पिस्सू टॉप, शेषनाग और फिर पंचतरणी होते हुए श्रद्धालु गुफा तक पहुंचते हैं। दूसरी ओर बालटाल रूट छोटा है और इसमें केवल 14 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है, लेकिन इसकी चढ़ाई बहुत खड़ी और कठिन मानी जाती है।
श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी
पिछले वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2023 में करीब 4.5 लाख और 2024 में 5 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। 2012 में सबसे अधिक 6.35 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। कोविड के कारण 2022 में यह संख्या घटकर 3 लाख तक रह गई थी। अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक साहसिक और कठिन यात्रा भी है। सरकार और श्राइन बोर्ड की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि इस यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जा सके। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के सुचारु रूप से संचालन से लेकर मार्गों की निगरानी तक, हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन शांति और श्रद्धा के साथ कर सकें।
