मसौढ़ी में ससुराल आए व्यक्ति ने की आत्महत्या, फांसी लगाकर दी जान

पटना। रामनवमी के अवसर पर जहां एक ओर देशभर में उल्लास और धार्मिक कार्यक्रमों का माहौल था, वहीं पटना के मसौढ़ी क्षेत्र से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। पालीगंज निवासी एक युवक ने ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान 25 वर्षीय जयप्रकाश कुमार के रूप में हुई है, जो रामनवमी के अवसर पर अपनी सास की बहन के रिश्तेदार के यहां से घूमते हुए नियामतपुर स्थित अपने ससुराल पहुंचे थे। नियामतपुर गांव लहसुना थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। जयप्रकाश जब अपने ससुराल में थे, तभी उन्होंने किसी कारणवश फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मौत के बाद ससुराल वालों ने जो कदम उठाया, उसने पूरे मामले को और भी संदिग्ध बना दिया। बताया जा रहा है कि जयप्रकाश के आत्महत्या करने के बाद, घबराए ससुराल वालों ने शव को हंसाडी चिमनी भट्ठा के पास झाड़ियों में फेंक दिया। यह हरकत न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि नैतिक रूप से भी बेहद निंदनीय है। घटना की जानकारी मिलते ही मसौढ़ी के अनुमंडल पदाधिकारी नव वैभव के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और शव को बरामद कर लिया गया। मृतक के गले पर फांसी के स्पष्ट निशान पाए गए हैं, जिससे यह प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है। हालांकि, पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम (एफएसएल) को भी जांच में शामिल कर लिया है। घटना के बाद से पुलिस ससुराल वालों से लगातार पूछताछ कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके। शव को छुपाने की कोशिश से यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि मामला सिर्फ आत्महत्या का न होकर इसमें कुछ और पहलू भी हो सकते हैं। इसलिए जांच टीम हर कोण से मामले की पड़ताल कर रही है। जयप्रकाश की असामयिक मृत्यु से उसके मायके और ससुराल दोनों जगह शोक का माहौल है। परिवार वालों के लिए यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर ऐसी क्या परिस्थिति बनी कि एक युवा को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा। हालांकि, आत्महत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन पुलिस की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। यह घटना एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक तनावों की गंभीरता को उजागर करती है। साथ ही, मृतक के शव को छिपाने की कोशिश से कई सवाल खड़े होते हैं। अब सभी की निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं कि आखिर सच्चाई क्या है और जयप्रकाश की मौत के पीछे की असली वजह क्या थी।
