लोगों को अप्रैल में लगा महंगाई का बड़ा झटका, 2 रुपये महंगा हुआ पेट्रोल और डीजल, नई दरें कल से लागू

नई दिल्ली। अप्रैल की शुरुआत में ही आम जनता को महंगाई का एक और झटका लगा है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। इसका सीधा असर पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों पर पड़ेगा, जो अब दो रुपये प्रति लीटर तक महंगे हो जाएंगे। ये नई दरें मंगलवार रात 12 बजे से लागू हो जाएंगी।
नई एक्साइज ड्यूटी की दरें
फिलहाल सरकार पेट्रोल पर 19.90 रुपये और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही थी। इस ताजा बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल पर 21.90 रुपये और डीजल पर 17.80 रुपये प्रति लीटर ड्यूटी देनी होगी। इस फैसले के बाद राजधानी दिल्ली में जहां अभी पेट्रोल 94 रुपये और डीजल 87 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है, वहीं अब यह कीमतें बढ़कर 96 और 89 रुपये प्रति लीटर हो जाएंगी।
पटना समेत अन्य शहरों पर असर
बिहार की राजधानी पटना में पहले से ही पेट्रोल 101.4 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। अब इसमें दो रुपये की और वृद्धि के बाद यह 103.4 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। एक्साइज ड्यूटी में इजाफे के साथ-साथ राज्य सरकारें वैट और सेस भी बढ़ा सकती हैं, जिससे कीमतों में और इजाफा संभव है। राज्यों में अलग-अलग टैक्स संरचना होने के कारण अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग होती हैं।
पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं
पहले सरकार हर 15 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को तय करती थी। लेकिन जून 2010 में पेट्रोल की कीमत तय करने का अधिकार ऑयल कंपनियों को दे दिया गया। इसके बाद अक्टूबर 2014 में डीजल की कीमत भी कंपनियों के हवाले कर दी गई। अब ये कंपनियां रोजाना की दर से पेट्रोल-डीजल के दाम तय करती हैं। इसके लिए वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, डॉलर के मुकाबले रुपये का भाव, टैक्स और ट्रांसपोर्टेशन की लागत जैसे कई फैक्टर को ध्यान में रखती हैं।
कमजोर क्रूड मार्केट के बावजूद ड्यूटी में इजाफा
इस बार एक्साइज ड्यूटी ऐसे समय बढ़ाई गई है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर हैं। हाल ही में ब्रेंट क्रूड की कीमत में भारी गिरावट आई है। पिछले सप्ताह यह करीब 12 प्रतिशत टूटा था और सोमवार को इसमें और 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसकी कीमत घटकर 64 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गई है। विशेषज्ञों का मानना था कि इससे घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें घट सकती थीं, लेकिन सरकार ने इसके विपरीत कदम उठाते हुए एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। सरकार के इस फैसले से आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल सस्ता हो रहा है, वहीं घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ रही हैं। आने वाले दिनों में यह वृद्धि ट्रांसपोर्टेशन, खाद्य वस्तुओं और अन्य सेवाओं की लागत को भी प्रभावित कर सकती है।
