मांझी के दलित समागम कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, कहा- आप सबको बधाई देता हूं

पटना। बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शुक्रवार को हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेतृत्व में दलित समागम का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन समेत कई प्रमुख नेता शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य दलित और वंचित समाज के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान पर जोर देना था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संक्षिप्त संबोधन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कार्यक्रम के आयोजकों और सभी उपस्थित लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, मैं आप सबका नमन करता हूँ। आज यह आयोजन हो रहा है, इसके लिए आप सभी को मेरी ओर से हार्दिक बधाई। मुझे जानकारी मिली कि यह आयोजन हो रहा है, इसलिए मैं आपको शुभकामनाएं देने आया हूँ।” नीतीश कुमार के इस संक्षिप्त संबोधन को लेकर राजनीतिक हलकों में कई चर्चाएं भी हो रही हैं।
जीतन राम मांझी और संतोष सुमन का बयान
कार्यक्रम की अगुवाई केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने की। उन्होंने कहा कि यह आयोजन दलित समाज की एकता और उनके अधिकारों को मजबूती देने के लिए किया गया है। बिहार सरकार में मंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने भी इस मौके पर कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए दलितों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान को बल मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि वंचित अनुसूचित जाति मोर्चा के समर्थन से बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन में शामिल हुए हैं।
बड़ी संख्या में पहुंचे लोग, हाथी-घोड़े और ऊंट भी दिखे
इस समागम में बिहार के विभिन्न जिलों से आए दलित समाज के लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। आयोजकों के अनुसार, 18 अनुसूचित जातियों के लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। दिलचस्प बात यह रही कि बड़ी संख्या में लोग पारंपरिक अंदाज में हाथी, घोड़े और ऊंट लेकर इस कार्यक्रम में पहुंचे, जिससे गांधी मैदान का माहौल पूरी तरह सांस्कृतिक और राजनीतिक रंग में रंगा नजर आया।
समागम की तैयारी और लोगों का उत्साह
कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आयोजकों ने व्यापक तैयारी की थी। गुरुवार शाम से ही लोग गांधी मैदान में पहुंचने लगे थे। उनके ठहरने और खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की गई थी। इस भव्य आयोजन के दौरान पूरे मैदान में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग मौजूद थे।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी हुए शामिल
इस कार्यक्रम में बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी शामिल हुए। उनकी उपस्थिति को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि एनडीए के भीतर दलित और वंचित समाज को संगठित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। दलित समागम न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह कार्यक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की चर्चाएं जोरों पर हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस आयोजन के जरिए हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संक्षिप्त संबोधन और उनकी मौन भूमिका भी चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं, जीतन राम मांझी और संतोष सुमन ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आयोजन दलित समाज को संगठित करने और उनके अधिकारों की लड़ाई को मजबूत करने के लिए किया गया है। कुल मिलाकर, दलित समागम ने बिहार की राजनीति में एक नई हलचल मचा दी है और आने वाले समय में इसके राजनीतिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

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