February 5, 2025

तेजस्वी पर अशोक चौधरी का पलटवार, कहा- कभी लगता था मामा-साला टैक्स, वे भूले पर बिहार नहीं

पटना। बिहार की राजनीति में शनिवार को एक बार फिर तीखा वाक्युद्ध देखने को मिला। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के “डीके टैक्स” वाले आरोपों के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने उन पर करारा पलटवार किया। अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव और राजद के शासनकाल की आलोचना करते हुए कहा कि लालू-राबड़ी के समय “मामा टैक्स” और “साला टैक्स” जैसी कुप्रथाएं चलती थीं। तेजस्वी यादव ने एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे अब थक चुके हैं और सरकार रिटायर्ड अधिकारियों के भरोसे चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में एक रिटायर्ड अधिकारी द्वारा “डीके टैक्स” वसूला जा रहा है। हालांकि, तेजस्वी ने किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह आरोप सरकार के प्रशासनिक कामकाज पर सवाल खड़ा करते हुए लगाया। तेजस्वी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अशोक चौधरी ने राजद के पिछले शासनकाल की खामियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि राजद के दौर में बिहार में अपहरण, रंगदारी, और मामा-साला टैक्स जैसी व्यवस्थाएं थीं। अशोक चौधरी ने तेजस्वी के बयान को आधारहीन बताते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को पहले अपने परिवार के शासनकाल की हकीकत पर नजर डालनी चाहिए। अशोक चौधरी ने कहा कि लालू-राबड़ी शासन के दौरान लालू यादव के साले सुभाष यादव और साधु यादव पर गंभीर आरोप लगे थे। उस दौर में मामा और साला टैक्स जैसे शब्द आम थे, जो दर्शाते थे कि सत्ता का दुरुपयोग किस हद तक हुआ। अशोक चौधरी ने जोर देकर कहा कि बिहार की जनता इन कड़वे अनुभवों को भूली नहीं है। अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा कि उनकी सरकार में अनुभवी अधिकारियों की एक टीम काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की “प्रगति यात्रा” के दौरान की गई घोषणाओं को तुरंत कैबिनेट से मंजूरी दी गई, जिससे राज्य का विकास संभव हुआ। अशोक चौधरी ने कहा कि यही वजह है कि तेजस्वी यादव परेशान होकर झूठे आरोप लगा रहे हैं। यह बयानबाजी बिहार में राजनीतिक माहौल को और गर्म कर रही है, खासकर जब विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयारियां तेज हो चुकी हैं। अशोक चौधरी और तेजस्वी यादव के बीच जुबानी जंग यह संकेत देती है कि चुनावी मुकाबला काफी तीखा होने वाला है। अशोक चौधरी और तेजस्वी यादव के बीच बयानबाजी बिहार की राजनीति में गहराते राजनीतिक तनाव को दर्शाती है। जहां एक ओर राजद अपने आरोपों के जरिए सरकार पर निशाना साध रही है, वहीं दूसरी ओर जदयू अपने विकास कार्यों को गिनाते हुए तेजस्वी के बयानों को पलट रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनता इन आरोप-प्रत्यारोपों को कैसे देखती है और आगामी चुनाव में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

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