बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में हंगामा करने वाला आरोपी पटना से गिरफ्तार, एक बंडल प्रश्न पत्र बरामद, जांच जारी
पटना। पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान 13 दिसंबर 2024 को कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा परिसर में अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया। इस घटना ने परीक्षा प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। आरोप थे कि प्रश्न पत्र लीक हो गए थे, कुछ छात्रों को समय पर प्रश्न पत्र नहीं मिले, और कुछ को प्रश्न पत्र मिले ही नहीं। इन सब आरोपों के चलते परीक्षा को रद्द करना पड़ा। इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गई। अगमकुआं थाने में मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार, जो अनुमंडल कृषि पदाधिकारी हैं, ने सरकारी काम में बाधा डालने, सड़क जाम करने और अराजकता फैलाने के आरोप में अज्ञात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। घटना के कुछ दिनों बाद पुलिस ने इस मामले में बड़ी सफलता हासिल की। 19 दिसंबर 2024 को पुलिस ने मनीष कुमार नामक युवक को गिरफ्तार किया। मनीष कुमार, जो सुपौल जिले के जगतपुर का निवासी है, पटना के पाटलिपुत्र इलाके में रहकर बीपीएससी की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने उसके घर से एक बंडल प्रश्न पत्र भी बरामद किया है, जो संभवतः परीक्षा हॉल से गायब हुआ था। पटना सिटी के डीएसपी अतुलेश झा ने जानकारी दी कि मनीष कुमार की गिरफ्तारी सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर की गई। पुलिस का दावा है कि बरामद प्रश्न पत्र वही हैं, जो परीक्षा के दौरान गायब हो गए थे। 13 दिसंबर को परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक होने की खबर ने छात्रों को आक्रोशित कर दिया। कुछ छात्रों ने परीक्षा केंद्र के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया। परीक्षा केंद्र के बाहर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था भंग हो गई। छात्रों का कहना था कि प्रश्न पत्र लीक होने के कारण परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में 50 से 60 अज्ञात युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने जांच तेज करते हुए सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की पहचान शुरू की। यह घटना न केवल बीपीएससी जैसी प्रतिष्ठित संस्था की साख पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी गंभीर चिंता उत्पन्न करती है। प्रशासन और पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी है, और पुलिस इस बात की कोशिश कर रही है कि इस पूरे मामले के पीछे कौन लोग जिम्मेदार हैं।बीपीएससी परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर इस तरह की अराजकता और प्रश्न पत्र लीक की घटनाएं समाज और प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती हैं। यह न केवल योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य को प्रभावित करता है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। इस मामले में प्रशासन और पुलिस की तत्परता सराहनीय है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।