20 दिसंबर को पटना में मुख्यमंत्री ने बुलाई कैबिनेट की बैठक, कई प्रस्ताव पर लगेगी मुहर
पटना। 20 दिसंबर 2024 को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होने जा रही है। यह बैठक शाम 4:00 बजे मुख्य सचिवालय के कैबिनेट हॉल में होगी। इस बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी और संभावित रूप से इन्हें मंजूरी भी दी जाएगी। यह बैठक खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संभवतः इस साल की आखिरी या दूसरी आखिरी कैबिनेट बैठक होगी। चूंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए इस बैठक के फैसलों पर राज्य के लोगों, विशेष रूप से युवाओं की नजरें टिकी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही 12 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा कर चुके हैं, और युवा वर्ग यह जानने को उत्सुक है कि क्या इस वादे को चुनाव से पहले पूरा किया जाएगा। नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे युवाओं के लिए सरकार के निर्णय अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले, 3 दिसंबर 2024 को आयोजित कैबिनेट बैठक में 33 अहम एजेंडों पर चर्चा की गई थी। इनमें सबसे प्रमुख निर्णय बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण कार्य की समयसीमा बढ़ाने का था। सरकार ने इस सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए 6 महीने की अवधि बढ़ाई थी। इसके साथ ही, जमीन पर दावे-निपटारे के लिए 180 कार्य दिवस, रैयतों के दावे प्रस्तुत करने के लिए 60 कार्य दिवस, और दावे के निपटारे के लिए भी 60 कार्य दिवस का समय देने का निर्णय लिया गया था। इन निर्णयों से यह स्पष्ट हो गया था कि विधानसभा चुनाव से पहले जमीन सर्वेक्षण कार्य पूरा करना संभव नहीं होगा। 20 दिसंबर की बैठक में किन-किन एजेंडों पर चर्चा होगी, इसे लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। हालांकि, यह तय है कि बैठक में राज्य के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार पर इस समय युवाओं और आम जनता की अपेक्षाओं का दबाव है। 12 लाख सरकारी नौकरियों का वादा, भूमि विवादों का निपटारा, और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को लेकर सरकार के फैसले चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बैठक में सरकार क्या निर्णय लेती है। राज्य के विभिन्न विभागों के मंत्री इस बैठक में उपस्थित रहेंगे और अपने-अपने विभागों से जुड़े एजेंडों पर चर्चा करेंगे। समग्र रूप से, यह बैठक न केवल सरकार की सालभर की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का संकेत देगी, बल्कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह भी स्पष्ट करेगी कि नीतीश सरकार अपनी योजनाओं को किस तरह आगे बढ़ाने की तैयारी में है।