पटना में मकान से चाचा-भतीजे के शव बरामद, मचा हडकंप, जांच में जुटी पुलिस
पटना। पटना सिटी के मालसलामी थाना क्षेत्र के पूर्वी नंद गोला इलाके में शुक्रवार देर रात एक मकान से चाचा और भतीजे के शव मिलने से हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया। मृतकों की पहचान बाढ़ निवासी रवि कुमार दास और सोनम कुमार दास के रूप में हुई है। इस घटना ने न केवल इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन के लिए कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। दोनों मृतक मजदूरी का काम करते थे और बबलू सिंह के मकान में किराए पर रहते थे। मकान मालिक के अनुसार, शुक्रवार देर रात जब वह किराएदारों के कमरे में पहुंचे, तो दोनों को संदिग्ध अवस्था में मृत पाया। घटना की जानकारी तुरंत मालसलामी थाने को दी गई। मालसलामी थाना प्रभारी राजकुमार सिंह ने बताया कि शवों की स्थिति और प्रारंभिक जांच में दोनों के शरीर पर किसी भी प्रकार की बाहरी चोट का निशान नहीं मिला है। पुलिस ने मौके पर एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम को बुलाकर साक्ष्य एकत्र किए हैं। प्रारंभिक जांच में नशीले पदार्थ या शराब का सेवन मौत का कारण माना जा रहा है। मृतकों के बड़े भाई ने भी इस आशंका को मजबूत किया है। उन्होंने बताया कि दोनों चाचा-भतीजा अक्सर शराब का सेवन करते थे। संभवतः शराब के अत्यधिक सेवन या जहरीली शराब के कारण उनकी मौत हुई हो। पटना और आसपास के इलाकों में हाल के दिनों में जहरीली शराब से मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यह संभावना और भी प्रबल हो जाती है। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारण का पता चल सकेगा। घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। आस-पड़ोस के लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों बनी। मकान मालिक और अन्य किराएदारों ने बताया कि दोनों मजदूरी कर अपना जीवनयापन करते थे और अक्सर शराब का सेवन करते थे। हालांकि, उनके कमरे में किसी तरह की मारपीट या हिंसा के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि नशीले पदार्थ के सेवन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। एफएसएल टीम ने घटनास्थल से जरूरी नमूने लिए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। थाना प्रभारी राजकुमार सिंह ने कहा, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण का स्पष्ट खुलासा हो सकेगा। यदि जहरीली शराब या किसी अन्य नशीले पदार्थ की पुष्टि होती है, तो इसकी सप्लाई चेन का पता लगाकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद राज्य में जहरीली शराब के सेवन से मौतों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इस घटना ने एक बार फिर इस गंभीर मुद्दे को उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध शराब का कारोबार अभी भी कई इलाकों में जारी है। शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की मांग तेज हो गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि नशीले पदार्थों का सेवन केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि परिवार और समाज को भी गहरे सदमे में डाल देता है। शराब या अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले खतरे को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। पटना सिटी की यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती भी है। चाचा-भतीजे की संदिग्ध मौत ने नशीले पदार्थों के सेवन और अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट कर दिया है। पुलिस की जांच से मौत के असली कारणों का पता चलने के बाद यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाता है। साथ ही, यह घटना समाज में जागरूकता बढ़ाने और नशे के खतरों को समझने का एक अवसर भी प्रदान करती है।