December 22, 2024

बिग ब्रेकिंग-बिहार में अपराधियों पर कहर बरपाने लिएआ रहे हैं आईपीएस कुंदन कृष्णन..बनाए जा सकते हैं एडीजी हेड क्वार्टर..

>>प्रदेश में जब-जब आपराधिक घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।तब तब सरकार को कुंदन कृष्णन की याद आई है।

>>कर्तव्यों के निर्वहन को लेकर कुंदन कृष्णन के टकराव सत्ताधारी जमात के कई नेताओं से हो चुकी है।

>>क्रिमिनल्स को तलाशने में कुंदन कृष्णन के पास मजबूत नेटवर्क शुरू से रहा है।

>>नीतीश कुमार के सुशासन काल में क्राइम कंट्रोल के अहम रोल में कुंदन कृष्णन का नाम आता है।

 

पटना।(बन बिहारी)प्रदेश में बढ़ रहे बेतहाशा आपराधिक घटनाओं के बीच बिहार पुलिस में एक बड़ी जिम्मेदारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से शीघ्र लौटने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कुंदन किस को दी जा सकती है. जानकारी के मुताबिक कुंदन कृष्णन को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के साथ जल्द ही एडीजी मुख्यालय का कमान सौंपा जाएगा. फिलहाल वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ के एडीजी हैं। बिहार कैडर के 1994 बैच के आईपीएस कुंदन कृष्णन 3 साल के लिए केंद्रीय प्रतिनयुक्ति पर गए थे। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद कुछ गतिरोध को लेकर उन्हें एडीजी मुख्यालय के पद से हटा दिया गया था। सरकार में शामिल कुछ बड़े शक्तियों से गतिरोध के बाद कुंदन कृष्णन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए।

उल्लेखनीय है कि कुंदन कृष्णन 1994 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस हैं। वह मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं और यह जिला यहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला भी है। कुंदन कृष्णन अपने तेज तर्रार पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं। अपराधियों पर बेखौफ होकर कार्रवाई करने वाले इस अफसर का नाम सुनते ही बड़े-बड़े क्रिमिनल थरथराने लगते हैं। बिहार में नीतीश कुमार के सीएम बनने से पहले राष्ट्रपति शासन में कुंदन कृष्णन को पटना का एसएसपी नियुक्त किया गया था। वो तभी से एक्शन मोड में थे और नए कीर्तिमान बनाते रहे। पटना में बतौर एसएसपी उनका पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ भी टकराव हुआ था।आनंद मोहन कस्टडी में देहरादून से सहरसा जा रहे थे। जिस क्रम में पटना में वे अनाधिकृत रूप से एक पार्टी में सालिक हो गए इसके बाद उन्हें वापस जेल भेजने क्रम में तत्कालीन एसपी कुंदन कृष्णन तथा पूर्व सांसद आनंद मोहन के बीच हाथापाई के नौबत आ गए थी। इतना ही नहीं अपने पद पर रहते हुए कर्तव्यों के निर्वहन को लेकर कुंदन कृष्णन के टकराव सत्ताधारी जमात के कई नेताओं से हो चुकी है। लेकिन यह भी सच है कि सुबह में जब-जब आपराधिक घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।तब तब सरकार को कुंदन कृष्णन की याद आई है। गौरतलब है कि 2016 के बेहद चर्चित दरभंगा इंजीनियर्स मर्डर केस का शार्प शूटर (बिहार का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल) मुकेश पाठक ने जब अपने को नेपाल-गुजरात में बेहद सुरक्षित मान लिया था तब कुंदन कृष्णन ने इसे ऐसा छकाया कि झारखंड आकर बिहार के एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। नीतीश कुमार के सीएम पद पर बैठने के बाद क्राइम कंट्रोल के अहम रोल में कुंदन कृष्णन का नाम आता है। उन्होंने एक के बाद एक बड़े अपराधियों और मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स को शिकंजे में लिया। माना जाता है कि क्रिमिनल्स को तलाशने में कृष्णन के पास मजबूत नेटवर्क शुरू से रहा है।

 

Author-Ban Bihari Sr journalist and News Editor

 

 

 

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