December 27, 2024

वक्फ संशोधन बिल किसी भी हाल में स्वीकार नहीं: अमीर-ए-शरीयत

  • ईमारत की पहल पर अवकाफ बिल के खिलाफ 366,000 ई-मेल जेपीसी को भेजे गए
  • वक्फ बिल पर नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी का रवैया दुःखद

फुलवारीशरीफ़, (अजीत)। ईमारत शरीया वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ यथासंभव संघर्ष कर रहा है, देश स्तर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदर्शन में एक मजबूत कार्य योजना के साथ इस बिल को खारिज करने का प्रयास किया जा रहा है।भारतीय मुसलमानों की जागरूकता इस अवसर पर उल्लेखनीय है कि उन्होंने अपने नेतृत्व की आवाज पर औकाफ की रक्षा के उद्देश्य से इस संशोधन विधेयक के खिलाफ कुछ ही दिनों में 366,000 ई-मेल भेजने का सफल प्रयास किया है।इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है की किसी भी मामले में मुल्क के किसी एक वर्ग ने जेपीसी को इतनी बड़ी संख्या में सुझाव दिया हो। यह बातें हजरत मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी अमीर-ए-शरियत बिहार, ओडिशा और झारखंड ने ईमारत शरिया कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित धार्मिक और राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने अध्यक्षीय संबोधन में कही। हजरत अमीर शरीयत ने मुसलमानों से हमदर्दी रखने वाले सेक्युलर राजनीतिक दलों के दुखद व्यवहार को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह बिल दो बैसाखियों पर खड़ा है, एक नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी और दूसरी चंद्रबाबू नायडू की पार्टी और यह दोनो पार्टीयाँ मुस्लमानों से मिलने में कतरा रहीं हैं। उन्होंने बिहार के संगठनों और राज्य के कोने-कोने में फैले दर्जनों खानकाहों के प्रतिनिधियों से इस बिल के खिलाफ चल रहे संघर्ष का जिक्र किया और कहा कि इमारत शरीया पहले दिन से आज तक खामोश नहीं बैठी है और इस बिल के खिलाफ विभिन्न शक्लो में कोशिश जारी है। इस बिल के खतरनाक पहलुओं को आम मुसलमानों में उजागर करने के लिए पिछले महीने बापु सभागार हाल पटना में चार राज्यों के विद्वानों और बुद्धिजीवियों का सम्मेलन हुआ। साथ ही इस विषय पर कई सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इमारत शरिया के कार्यवाहक सचिव मौलाना मुहम्मद शिबली अल-कासिमी ने  इमारत शरिया और खानकाहों के बीच गहरे संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इमारत शरिया का पालन-पोषण खानकाहों की गोद में हुआ है।इमारत शरिया के लगातार तीन अमीर खानकाह मुजीबिया से बने, फिर इमारत शरिया के तीन अमीर खानकाह रहमानी मुंगेर से बने, और  वर्तमान में, अमीर शरीयत भी खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जादा नशीं हैं।इस देश का इतिहास रहा है कि इस्लाम और शरीयत के प्रचार प्रसार और इसकी सुरक्षा के लिए, उलमा, सुफियों ने खानकाहों की चटाई से लोगों को रहनुमाई की है। हम तमाम लोग इस बिल को अस्वीकार करते हैं और बिहार सरकार से बिहार विधान सभा के अगले सत्र में इस बिल के विरूध परस्ताव पारित करके केंन्द्र सरकार को भेजेगें। साथ ही तमाम सियासी पार्टीयों, जेपीसी के सभी सदस्यों और हर राज्य के मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को भेजा जाएगा। इस ऐतिहासिक सूफी और मशाएख सम्मेलन में बिहार के राष्ट्रीय संगठनों के सज्जादगानों, प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने विस्तार से अपनी बहुमूल्य राय दी।सभी ने संयुक्त रूप से अपने विचार व्यक्त किए और हजरत अमीर शरीयत के कार्यों की सराहना करते हुए वक्फ संशोधन विधेयक आंदोलनों पर अपना समर्थन दिया। सभी ने कहा कि वक्फ की संपत्ति हमारी पवित्र पूंजी है, जिसकी रक्षा हम अंत तक करने के लिए बाध्य हैं। शरीयत की रक्षा के लिए हमसब एकजुट हैं। इस सम्मेलन का एक मुख्य उद्देश्य वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ मुसलमानों की राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना था।वहीं 13 नवंबर को जेपीसी सदस्यों के बिहार आगमन को लेकर संयुक्त कार्ययोजना तैयार करना है। इस मौके पर जमीयतुल उलेमा, बिहार खानकाह मुजीबिया फुलवारीशरीफ, खानकाह एमादिया, मंगल तालाब, जमाएते इस्लामी बिहार, जमीयत अहले हदीस बिहार, खानकाह कबीरिया, सासाराम, खानकाह तेगिया मुजफ्फरपुर, खानकाह दीवान शाह अरजां, खानकाह सुलेमानिया फुलवारीशरीफ, खानकाह आलिया समरकंदिया दरभंगा, खानकाह आसार चिश्तिया निजामिया दानापुर, खानकाह पीर दमडीया शाह खलीफाबाद भागलपुर, दरगाह काको जहानाबाद, खानकाह फिरदौसिया मनेर, खानकाह समनानी सासाराम, ऑल इंडिया मोमिन कांफ्रेंस, खानकाह अशरफिया, बीथु शरीफ गया के प्रमुखों ने भी अपने विचार रखे। मंच का संचालन इमारत के नाएब नाजिम मुफ्ती सनाउल होदा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन नाएब नाजिम मुफ्ती सोहराब नदवी ने किया।इस प्रोग्राम को सफल बनाने में मौलाना अहमद हुसैन कासमी, मौलाना अरशद रहमानी, मौलाना अब्दुल्ला जावेद, मौलाना साबिर ने अहम भुमीका निभाई।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed