विश्वविद्यालयों परीक्षा के 30 दिनों के बाद रिजल्ट अनिवार्य, सेशन लेट को लेकर विभाग ने जारी किया निर्देश
पटना। बिहार में विश्वविद्यालयों के सत्र लेट की समस्या को हल करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विश्वविद्यालयों को परीक्षा के बाद 30 दिनों के भीतर रिजल्ट जारी करने का सख्त निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के अनुसार, विश्वविद्यालयों को परीक्षा परिणाम समय पर प्रकाशित करने के लिए एक स्पष्ट परीक्षा कैलेंडर का पालन करना अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालयों में लगातार सत्र लेट की समस्या ने छात्रों के शैक्षणिक और व्यावसायिक भविष्य पर गहरा असर डाला है, जिससे हर साल बड़ी संख्या में छात्र अन्य संस्थानों की ओर पलायन करते हैं।
सत्र लेट के कारण और निदेशालय का हस्तक्षेप
बिहार के उच्च शिक्षा निदेशालय ने इस समस्या का संज्ञान लेते हुए पिछले दिनों राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों के साथ एक बैठक आयोजित की। बैठक में यह निर्देश जारी किया गया कि परीक्षा समाप्ति के 30 दिनों के भीतर परीक्षा परिणाम घोषित किया जाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, निदेशालय ने परीक्षा और परिणाम के समय को सुनिश्चित करने के लिए एक परीक्षा कैलेंडर भी जारी किया है, ताकि सत्र की नियमितता को बनाए रखा जा सके और छात्रों के समय और संसाधनों की बर्बादी रोकी जा सके। वहीं, कुछ कुलसचिवों ने राजभवन से प्राप्त परीक्षा कैलेंडर की ओर ध्यान दिलाते हुए निदेशालय से मार्गदर्शन मांगा। इस पर निदेशालय ने सुझाव दिया कि परीक्षा और परिणाम की प्रक्रिया को दोनों कैलेंडरों के अनुरूप समायोजित किया जा सकता है, ताकि राजभवन और निदेशालय के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही संभव हो सके।
विश्वविद्यालयों के द्वारा परीक्षा कैलेंडर का पालन
उच्च शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार, बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों ने अपना-अपना परीक्षा कैलेंडर जारी किया है। जैसे कि बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी (मुजफ्फरपुर) ने वर्ष 2025 तक के स्नातक, पीजी और वोकेशनल पाठ्यक्रमों की परीक्षा तारीखें तय कर ली हैं। इस कैलेंडर के तहत प्रत्येक पाठ्यक्रम के परीक्षा और परिणाम की तिथियां निर्धारित की गई हैं। इसे विश्वविद्यालय द्वारा राजभवन को भी भेजा गया है ताकि इसे सरकारी स्वीकृति मिल सके और छात्रों की पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान न आए। हालांकि, निर्देशों के बावजूद अभी परीक्षा कैलेंडर के हिसाब से कई परीक्षाएं और परिणाम पिछड़ गए हैं। उदाहरण के तौर पर, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट थ्री सत्र 2021-24 का रिजल्ट 31 अक्टूबर तक जारी होना था, लेकिन अभी तक कॉपियों की जांच भी पूरी नहीं हुई है, जिससे रिजल्ट समय पर जारी नहीं हो पाएगा। इससे न केवल छात्रों का स्नातक पाठ्यक्रम देरी से पूरा होगा, बल्कि उनके पीजी के नामांकन और अगले सत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
विभिन्न पाठ्यक्रमों के परीक्षा और परिणाम की स्थिति
निदेशालय द्वारा जारी निर्देशानुसार पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा 15 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच होनी चाहिए, लेकिन कई विश्वविद्यालयों में पीजी सेकेंड सेमेस्टर की ही प्रक्रिया चल रही है। विश्वविद्यालय को हालांकि अपनी सुविधानुसार तारीखें तय करने की छूट दी गई है, परंतु इसके बावजूद परीक्षा की तारीखें बार-बार टल रही हैं। इसका नतीजा यह होता है कि छात्र अपने अगले कोर्स या उच्च शिक्षा के लिए समय पर आवेदन नहीं कर पाते हैं, जिससे उनका भविष्य प्रभावित होता है।
सत्र नियमितता सुनिश्चित करने की आवश्यकता
इस स्थिति को देखते हुए, छात्रों ने भी समय पर परीक्षाएं और परिणाम घोषित करने की मांग की है। सत्र लेट की समस्या के कारण कई छात्र अन्य संस्थानों में नामांकन लेने का विचार करते हैं या पलायन कर जाते हैं। छात्रों का मानना है कि अगर सरकार और विश्वविद्यालय समय पर परीक्षाएं और परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करें तो छात्रों के समय और आर्थिक स्थिति पर अत्यधिक भार नहीं पड़ेगा।
संभावित सुधार और आगे की योजना
उच्च शिक्षा निदेशालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है कि छात्रों को उचित समय पर शिक्षा प्राप्त हो और वे आगे की पढ़ाई के लिए आसानी से आवेदन कर सकें। निदेशालय का मानना है कि नियमित परीक्षा और परिणाम का प्रकाशन विश्वविद्यालयों की साख को बढ़ाएगा और छात्रों के भरोसे को भी मजबूती प्रदान करेगा। इसके साथ ही, सत्र लेट की समस्या का समाधान पाने के लिए विश्वविद्यालयों को अपने आंतरिक सिस्टम को भी सुदृढ़ करने की आवश्यकता होगी। उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा 30 दिनों के भीतर परीक्षा परिणाम जारी करने का निर्देश बिहार के विश्वविद्यालयों में सत्र लेट की समस्या के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि विश्वविद्यालय इस दिशा में पूरी सख्ती और संवेदनशीलता के साथ काम करते हैं, तो छात्रों को अपनी पढ़ाई में निरंतरता मिलेगी और वे अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों को समय पर पूरा कर सकेंगे।