November 23, 2024

बिहार के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल, ओपीडी बंद, केवल इमरजेंसी सेवाएं चालू

पटना। बिहार के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में आज मंगलवार को डॉक्टरों ने एकदिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल के दौरान ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाएं और रूटीन सर्जरी का कार्य पूरे दिन स्थगित रहेगा, जबकि केवल इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। यह हड़ताल देशव्यापी स्तर पर आयोजित की जा रही है और इसका मुख्य उद्देश्य पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के साथ हुए अन्याय और उनके साथ की जा रही सुरक्षा की मांग को समर्थन देना है।
हड़ताल का कारण और पृष्ठभूमि
इस हड़ताल का मुख्य कारण कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और हत्या का मामला है। यह घटना ड्यूटी के दौरान कॉलेज परिसर में घटी थी, और घटना के बाद से अब तक डॉक्टरों को न्याय नहीं मिल पाया है। इस मामले में राज्य सरकार की उदासीनता और अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा में सुधार न होने के चलते कोलकाता के जूनियर डॉक्टर पिछले 10 दिनों से हड़ताल पर हैं। इन जूनियर डॉक्टरों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है, जिसमें से कई डॉक्टरों की तबियत बिगड़ चुकी है। कई डॉक्टरों ने तो अपने पदों से इस्तीफा भी दे दिया है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। इस अन्याय और डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति सरकार की अनदेखी के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों ने देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।
देशव्यापी हड़ताल का बिहार आईएमए का समर्थन
इस हड़ताल में बिहार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है। बिहार आईएमए ने मंगलवार को राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में एकदिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। बिहार आईएमए के मुताबिक, कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाते हुए पूरे देश के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में 15 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक अनशन रखा गया है। आईएमए जूनियर डॉक्टर नेटवर्क और आईएमए मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क ने इस आंदोलन को समर्थन देते हुए कोलकाता के डॉक्टरों की मांगों को जायज ठहराया है। उनका कहना है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन बिना किसी भय या दबाव के कर सकें।
बिहार में हड़ताल के प्रभाव
बिहार के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में इस हड़ताल का व्यापक असर देखा जा रहा है। प्रदेश के सभी बड़े मेडिकल कॉलेज, जैसे पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, और अन्य प्रमुख अस्पतालों में आज ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी। इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी, ताकि गंभीर मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिल सके। ओपीडी बंद होने से राज्य भर में हजारों मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। आमतौर पर ओपीडी में रोजाना हजारों मरीज उपचार के लिए आते हैं, लेकिन आज उन्हें निजी अस्पतालों या अगले दिन का इंतजार करना पड़ेगा। साथ ही, सभी रूटीन सर्जरी भी स्थगित कर दी गई हैं, जो कि मरीजों और उनके परिजनों के लिए चिंता का कारण बन सकता है।
डॉक्टरों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया
डॉक्टरों की मुख्य मांगें हैं कि अस्पतालों में उनकी सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएं और कोलकाता में हुए जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए। कोलकाता के डॉक्टरों की मांग है कि अस्पताल में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम हो और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। हालांकि, अब तक पश्चिम बंगाल सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे डॉक्टरों के बीच असंतोष और बढ़ गया है। डॉक्टरों का मानना है कि जब तक उनकी सुरक्षा की उचित व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक इस तरह के आंदोलन और हड़तालें जारी रहेंगी।
मरीजों को होगी परेशानी
इस हड़ताल से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले आम मरीज हैं, जिन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। ओपीडी सेवाओं के बंद होने से मरीजों को अन्य विकल्प तलाशने पड़ रहे हैं, जिनमें निजी अस्पताल या अगले दिन सरकारी सेवाओं के चालू होने का इंतजार शामिल है। रूटीन सर्जरी के रद्द होने से भी कई मरीजों को परेशानी हो सकती है। जो लोग पहले से सर्जरी के लिए तैयार थे, उन्हें अब नए तारीखों का इंतजार करना पड़ेगा, जिससे उनकी चिकित्सा में अनचाही देरी हो सकती है। बिहार के सरकारी अस्पतालों में आज की हड़ताल कोलकाता के डॉक्टरों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए आयोजित की गई है। डॉक्टरों की सुरक्षा और न्याय की मांग को लेकर यह आंदोलन देशव्यापी स्तर पर फैल चुका है। बिहार आईएमए और राज्य के डॉक्टरों ने इस हड़ताल में शामिल होकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि जब तक डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक इस तरह के विरोध जारी रहेंगे।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed