लखीसराय में शिक्षक की गोली मारकर निर्मम हत्या, घात लगाए अपराधियों ने वारदात को दिया अंजाम
लखीसराय। बिहार के लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा क्षेत्र में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब एक शिक्षक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान मध्य विद्यालय निस्ता में कार्यरत शिक्षक कैलाश पोद्दार (45) के रूप में की गई है। वह अपने स्कूल जा रहे थे, जब बदमाशों ने उन पर हमला किया। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है और पुलिस प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना सोमवार सुबह लगभग 9 बजे हुई, जब कैलाश पोद्दार स्कूटी से अपने घर से स्कूल की ओर जा रहे थे। जैसे ही वह पहाड़पुर गांव के यात्री पड़ाव के समीप पहुंचे, एक चार पहिया वाहन में सवार अपराधियों ने उन पर घात लगाकर हमला किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बदमाश पहले से ही मौके पर घात लगाए बैठे थे और जैसे ही कैलाश पोद्दार वहां पहुंचे, उन पर दो गोलियां दाग दीं। एक गोली उनके सीने के दाहिने भाग में लगी और आर-पार हो गई। शिक्षक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गोली चलने की आवाज सुनते ही आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक शिक्षक की हालत गंभीर हो चुकी थी। उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सूर्यगढ़ा ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना स्थल पर एक गोली का खोखा भी बरामद हुआ है, जिससे स्पष्ट होता है कि हत्यारों ने पास से ही गोली चलाई थी। ग्रामीणों का कहना है कि बदमाशों ने वारदात को अंजाम देकर फरार होने में देर नहीं की। कैलाश पोद्दार, जो देवघरा चंद्र टोला गांव के निवासी थे, ग्रामीण राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाते थे। उनकी पत्नी प्रेम कुमारी ताजपुर पंचायत की पूर्व मुखिया रह चुकी हैं, और कैलाश पोद्दार ने भी अपनी सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों के चलते इलाके में अच्छी खासी पहचान बनाई थी। इसके साथ ही, वह मध्य विद्यालय निस्ता में प्रधानाध्यापक के रूप में भी कार्यरत रहे थे। हालांकि, कुछ समय पहले उन्हें इस पद से हटना पड़ा था, जिसके बाद वह एक साधारण शिक्षक के रूप में सेवा दे रहे थे। शिक्षक की हत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता और समाज में उनके बढ़ते प्रभाव को हत्या के पीछे का कारण माना जा सकता है। पुलिस भी इस एंगल से मामले की जांच कर रही है, हालांकि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि हत्या सुनियोजित थी और हत्यारे उन्हें लंबे समय से टारगेट कर रहे थे। मेदनीचौकी थाना अध्यक्ष चितरंजन कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि कैलाश पोद्दार के सीने में दाहिनी ओर गोली लगी थी, जो आर-पार हो गई। पुलिस ने घटनास्थल से एक गोली का खोखा बरामद किया है और पूरे इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल हत्या के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। शिक्षक के परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि किसी पुराने विवाद या दुश्मनी के बारे में जानकारी मिल सके। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस हत्या का संबंध उनके राजनीतिक या व्यक्तिगत जीवन से तो नहीं है। कैलाश पोद्दार की हत्या की खबर सुनते ही उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। उनके भाई ने बताया कि सुबह 8:30 बजे कैलाश रोज की तरह स्कूल जाने के लिए घर से निकले थे, लेकिन थोड़ी ही देर बाद यह दुखद खबर मिली कि उन्हें गोली मार दी गई है। स्थानीय लोग भी इस घटना से स्तब्ध हैं, क्योंकि कैलाश पोद्दार एक सामाजिक व्यक्ति थे और हमेशा ग्रामीणों की समस्याओं को हल करने में आगे रहते थे। उनकी हत्या ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया है, और लोग पुलिस से जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ने और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लखीसराय में शिक्षक कैलाश पोद्दार की निर्मम हत्या ने राज्य में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, लेकिन अभी तक हत्या का स्पष्ट कारण सामने नहीं आ पाया है। शिक्षक की हत्या से इलाके में गहरा शोक है, और लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि पुलिस जल्द से जल्द हत्यारों को गिरफ्तार कर इस मामले में न्याय दिलाएगी।