बाढ़ में भूमि सर्वेक्षण में महिला कॉलेज में जमीन मापी को लेकर हंगामा, मठ की जमीन के सामने आए कई दावेदार
पटना। बाढ़ अनुमंडल के गुलाबबाग स्थित संत संध्या दास महिला कॉलेज की जमीन मापी को लेकर हंगामा मच गया। गुरू नानक शाही उदासीन मठ की जमीन पर बने महिला कॉलेज की भवन जर्जर स्थिति में है और इसके नए भवन का निर्माण कार्य होना है। इसको लेकर कॉलेज कमिटी ने जमीन मापी का आवेदन दिया था। निर्धारित तारिख को सीओ नरेंद्र कुमार सिंह और सरकारी अमीन जमीन की मापी करने आए। मठ की जमीन पर राधा कृष्ण मंदिर कमिटी अपना अधिकार जता रही है, वहीं कॉलेज कमिटी उस समय के कमिटी सचिव के द्वारा गवर्नर के नाम से 1 एकड़ 60 डिसमिल जमीन एग्रीमेंट का कागजात दिखा रहे हैं। सिख समुदाय के एक शख्स भी अपना अधिकार जता रहे हैं। सीओ नरेन्द्र कुमार सिंह ने मामला अगले आदेश तक के लिए टाल दिया और जो भी दावेदारी जता रहे हैं, उन्हें कागजात जमा करने को कहा गया है। मठ की जमीन पर राधा कृष्ण मंदिर कमिटी अपना अधिकार जता रही है, वहीं कॉलेज कमिटी उस समय के कमिटी सचिव के द्वारा गवर्नर के नाम से 1 एकड़ 60 डिसमिल जमीन एग्रीमेंट का कागजात दिखा रहे हैं।
मठ की जमीन पर राधा कृष्ण मंदिर कमिटी अपना अधिकार जता रही है, वहीं कॉलेज कमिटी उस समय के कमिटी सचिव के द्वारा गवर्नर के नाम से 1 एकड़ 60 डिसमिल जमीन एग्रीमेंट का कागजात दिखा रहे हैं।
महाविद्यालय के लिए गवर्नर को एग्रीमेंट किया था। महिला कॉलेज के वर्तमान प्रभारी प्राचार्य डॉ. कौशल किशोर सिंह ने बताया कि पटना सिटी और बड़हिया के बीच एकमात्र महिला कॉलेज है। पहली बार 1984 में अस्थाई संबंधन और इस साल बिहार सरकार और पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी से स्थाई संबंधन मिला है। मठ के महंत संत संध्या दास की हत्या के बाद उस समय मठ कमिटी के सचिव ने उनकी याद में इस महिला महाविद्यालय का निर्माण करवाया और 1 एकड़ 60 डिसमिल जमीन महाविद्यालय के लिए गवर्नर को एग्रीमेंट किया था। इस महाविद्यालय को अवैध घोषित करने पर लगभग 50 सालों में जितनी भी छात्राएं पढ़ी है सभी की सर्टिफिकेट की मान्यता रद्द हो जाएगी, जो छात्राओं के हित में नहीं है। राधा कृष्ण मंदिर कमिटी के सदस्य कर्मवीर सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया ने बताया कि कॉलेज को 1 साल के लिए जमीन एग्रीमेंट किया गया था और यह मठ की जमीन पर अवैध कब्जा किए हैं। उदासीन संगत बड़ा अखाड़ा के बिहार राज्य सचिव नागा शिवजी मुनि उदासीन ने बताया कि उदासीन समुदाय के मठ की जमीन पर सभी अवैध रूप से कब्जा करना चाहते हैं। इस जमीन की जानकारी उदासीन संगत बड़ा अखाड़ा के मठाधीश को दी जायेगी और जमीन को विवाद मुक्त कराया जाएगा।