December 21, 2024

राहुल गांधी के नागरिकता मामले में हाईकोर्ट में 6 नवंबर को अगली सुनवाई, सुब्रमण्यम स्वामी ने दाखिल की है याचिका

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट आज लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई, दिल्ली हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को फैसला करने का आदेश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को दाखिल करने के लिए समय दिया है। चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को करने का आदेश दिया। बता दें कि हाईकोर्ट ने 27 सितंबर को कहा था कि इस मामले पर अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है तब हम सुनवाई नहीं कर सकते। हाईकोर्ट ने एएसजी चेतन शर्मा को निर्देश दिया था कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले पर चल रही सुनवाई का स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को बताएं। हाईकोर्ट ने एएसजी से कहा था कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की प्रति भी उपलब्ध कराएं। चीफ जस्टिस ने कहा था कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका का स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद ही सुनवाई जारी रखेंगे, क्योंकि वे नहीं चाहते कि दिल्ली हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार का मामला सुने। इसके पहले 20 अगस्त को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका को दूसरी बेंच में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता ये बताने में नाकाम रहे कि इसमें कोई संवैधानिक अधिकार है। लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है कि इसमें जनहित का मसला जुड़ा हुआ है। इसलिए इस याचिका पर जनहित याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच सुनवाई करेगी। उसके बाद कोर्ट ने कार्यकारी चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के पास याचिका को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने खुद दलीलें रखते हुए कहा था कि उन्होंने 2019 में गृह मंत्रालय को लिखा था कि बैकओप्स लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन ब्रिटेन में 2003 में हुआ था और राहुल गांधी उस कंपनी के निदेशकों में से एक थे। याचिका में कहा गया है कि कंपनी की ओर से 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को भरे गए सालाना आयकर रिटर्न में कहा गया है कि राहुल गांधी की नागरिकता ब्रिटेन की है। याचिका में कहा गया है कि कंपनी ने खुद को भंग करने के लिए 17 फरवरी 2009 को जो अर्जी दाखिल की थी उसमें भी राहुल गांधी की नागरिकता ब्रिटेन की बताई गई है। याचिका में कहा गया है कि ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 9 और भारतीय नागरिकता कानून का उल्लंघन है। अनुच्छेद 9 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति अगर स्वेच्छा से किसी दूसरे देश की नागरिकता लेता है तो वो भारत का नागरिक नहीं रह सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि इस संबंध में दो हफ्ते के अंदर स्पष्टीकरण दें।लेकिन इसके पांच वर्ष से ज्यादा का समय बीतने के बावजूद कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे में कोर्ट गृह मंत्रालय को इस संबंध में फैसला लेने का दिशानिर्देश जारी करे।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed