December 21, 2024

स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं को अब नहीं लगेगा लेट फाइन, बिजली विभाग ने दी बड़ी राहत

  • कंपनी ने बिजली बिल से डीपीएस हटाया, ऑफिशियल ऐप से रिचार्ज करने पर मिलेगी अतिरिक्त छूट

पटना। बिहार में बिजली विभाग ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को एक बड़ी राहत दी है। अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को बिजली बिल में विलंब शुल्क (लेट फाइन) यानी विलंब अधिभार (डीपीएस) नहीं लगेगा। यह निर्णय उन उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है, जो समय पर बिल भुगतान करने में चूक जाते थे और उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता था। स्मार्ट मीटर प्रणाली के तहत उपभोक्ता पहले से ही भुगतान करते हैं, जिससे विलंब शुल्क का कोई औचित्य नहीं रह जाता। इस कदम से राज्य के उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से लाभ होगा और बिजली विभाग की ओर से भी इस प्रक्रिया को औपचारिक रूप से लागू करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
स्मार्ट मीटर का महत्व और विरोध
बिहार सरकार और बिजली विभाग राज्य के सभी जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। स्मार्ट मीटर की विशेषता यह है कि उपभोक्ता को अपनी खपत के अनुसार पहले से राशि जमा करनी होती है, जिसे प्रीपेड प्रणाली कहा जाता है। इसके चलते उपभोक्ता को समय पर बिजली बिल का भुगतान सुनिश्चित करने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि वे पहले से ही भुगतान कर चुके होते हैं। हालांकि, राज्य के कई हिस्सों में स्मार्ट मीटर के विरोध की खबरें भी आ रही हैं। कुछ उपभोक्ता स्मार्ट मीटर लगाने के प्रति असहमति जताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। इसके बावजूद, सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और जो उपभोक्ता इसका विरोध कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।
डीपीएस (लेट फाइन) हटाने का निर्णय
बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए उनके बिजली बिल से विलंब अधिभार (डीपीएस) हटाने का निर्णय लिया है। डीपीएस वह शुल्क है, जो तब लागू होता है जब उपभोक्ता निर्धारित तिथि तक बिजली बिल का भुगतान नहीं कर पाता। बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बीईआरसी) के नियमों के अनुसार, डीपीएस के रूप में उपभोक्ता से प्रति माह 1.5% की दर से विलंब शुल्क लिया जाता है। हालांकि, स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपयोगकर्ताओं के मामले में यह नियम अब अप्रासंगिक हो गया है, क्योंकि ये उपभोक्ता पहले से ही अपने बिजली उपयोग के लिए भुगतान करते हैं। प्रीपेड प्रणाली में, उपभोक्ता बिजली का उपयोग तभी कर सकता है जब उसने पहले से ही राशि जमा कर रखी हो, इसलिए बिल की देरी का कोई सवाल नहीं उठता। यही कारण है कि बिजली विभाग ने डीपीएस को हटाने का निर्णय लिया है।
कानूनी प्रक्रिया और सप्लाई कोड में संशोधन
बिजली विभाग ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग के सामने एक याचिका दायर की है, जिसमें स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए डीपीएस हटाने के लिए सप्लाई कोड में संशोधन करने की मांग की गई है। विनियामक आयोग की ओर से इस याचिका पर सुनवाई जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा। एक बार जब आयोग का निर्णय आ जाएगा, तो बिजली कंपनी अपने उपभोक्ताओं से विलंब शुल्क लेना बंद कर देगी, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त आर्थिक राहत मिलेगी। यह कदम कानूनी प्रक्रिया के तहत उठाया जा रहा है, ताकि इसे लागू करने में कोई बाधा न हो। बिहार में स्मार्ट मीटर प्रणाली को सुचारू रूप से लागू करने के लिए बिजली विभाग द्वारा आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं, और इस निर्णय से उपभोक्ताओं की संतुष्टि में भी इजाफा होने की उम्मीद है।
स्मार्ट मीटर का भविष्य
बिहार सरकार राज्य भर में स्मार्ट मीटर प्रणाली को बढ़ावा दे रही है, ताकि बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अधिक पारदर्शी और कुशल बिजली प्रबंधन प्रणाली लागू की जा सके। स्मार्ट मीटर न केवल उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत की स्पष्ट जानकारी देते हैं, बल्कि इससे बिजली चोरी और अनियमितताओं को भी रोकने में मदद मिलती है। इसके अलावा, प्रीपेड प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार बिजली का उपयोग कर सकते हैं और बजट के अनुसार भुगतान कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में बिजली बिल का भुगतान पहले ही किया जाता है, जिससे विलंब शुल्क जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यही वजह है कि स्मार्ट मीटर प्रणाली को बढ़ावा देना राज्य सरकार और बिजली विभाग के लिए प्राथमिकता बन गई है। बिहार में स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए विलंब शुल्क हटाने का निर्णय उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर की नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को न केवल सुविधा मिलेगी, बल्कि वे अपने बिजली खर्चों को भी अधिक आसानी से प्रबंधित कर सकेंगे। इस कदम से राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाने और स्मार्ट मीटर के प्रति जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी।

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