December 22, 2024

कांग्रेस पर मांझी का तंज, कहा- कश्मीर में इंडिया जीती तो ईवीएम ठीक, पर हरियाणा में हारें तो ईवीएम खराब कैसे

पटना। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर तंज कसा है। मांझी ने कांग्रेस की जीत और ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में जीतती है तो ईवीएम सही होती है, लेकिन जब हरियाणा में हारती है, तो ईवीएम खराब कैसे हो जाती है? उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र में चुनाव परिणाम को स्वीकार करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि एनडीए सरकार संविधान के तहत काम करती है।
चुनाव नतीजों पर मांझी का तंज
मांझी ने ईवीएम पर विपक्ष द्वारा लगातार उठाए जा रहे सवालों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जब एनडीए जीतता है, तो विपक्ष ईवीएम पर सवाल उठाता है, लेकिन जब वह खुद जीतते हैं, तो ईवीएम में कोई खराबी नहीं होती।” उन्होंने कहा कि विरोधियों को लोकतंत्र और संविधान पर भरोसा करना चाहिए और चुनाव के परिणामों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर संविधान खतरे में होता, तो कांग्रेस या उसके सहयोगी जम्मू-कश्मीर में चुनाव जीतते क्या? मांझी का यह बयान स्पष्ट करता है कि एनडीए के लिए संविधान और लोकतंत्र में गहरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि “जनता का जो भी निर्णय होगा, हम उसे मानेंगे। अगर जम्मू-कश्मीर के लोग कांग्रेस की सरकार को बेहतर मानते हैं और उसे चुनते हैं, तो हमें इसे स्वीकार करना चाहिए। इसका विश्लेषण चुनाव के बाद ही किया जाएगा, लेकिन इस समय कोई व्यक्तिगत विचार देना सही नहीं होगा।”
हरियाणा में कांग्रेस को लेकर टिप्पणी
मांझी ने हरियाणा में कांग्रेस के प्रदर्शन की भी चर्चा की, जहां पार्टी अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में थी। हालांकि, कांग्रेस का प्रदर्शन हरियाणा में संतोषजनक नहीं रहा। इस पर मांझी ने खेल की दुनिया का उदाहरण देते हुए कहा, “अखाड़े में पहलवान कभी हार जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह पहलवान नहीं है।” उनके इस बयान से साफ था कि उन्होंने अपने राजनीतिक सहयोगियों को यह संदेश दिया कि हार-जीत राजनीति का हिस्सा है और इससे उनकी क्षमता पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए।
कश्मीर और धारा 370 पर मांझी का रुख
कश्मीर के संदर्भ में धारा 370 हटाने के फैसले को लेकर मांझी ने जोर दिया कि यह कदम कश्मीर और भारत दोनों के लिए फायदेमंद रहा है। उन्होंने कहा कि “धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में पहली बार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हुए हैं। अगर एनडीए ने हस्तक्षेप किया होता, तो क्या विपक्ष वहां चुनाव जीत पाता?” मांझी ने यह भी कहा कि एनडीए सरकार संघीय ढांचे को कमजोर नहीं होने देगी और अगर जम्मू-कश्मीर की स्थिति बिगड़ती है, तो एनडीए उसे बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने चेताया कि अगर कश्मीर को पाकिस्तान से मिलाने की कोशिशें की जाती हैं, तो एनडीए इसके खिलाफ हर संभव कदम उठाएगा।
संविधान और लोकतंत्र में एनडीए का भरोसा
मांझी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि एनडीए सरकार संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि “एनडीए जनतांत्रिक तरीके से काम कर रही है और हमें इस पर भरोसा करना चाहिए।” उनके अनुसार, धारा 370 को हटाने का निर्णय कश्मीर और भारत दोनों के लिए सही साबित हुआ है। कश्मीर में विकास और शांति स्थापित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम रहा है। उन्होंने आगे कहा कि “जो लोग संविधान के खिलाफ बयान देते हैं या इसे खतरे में बताते हैं, वे सिर्फ अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। कुल मिलाकर, जीतनराम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर कटाक्ष करते हुए ईवीएम और चुनावी परिणामों पर उठ रहे सवालों का मजाक उड़ाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्ष को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करना चाहिए और चुनाव परिणामों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने कश्मीर में धारा 370 हटाने के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि यह कश्मीर के लिए फायदेमंद रहा है और इसके परिणामस्वरूप वहां विकास और स्थिरता आई है।

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