हॉर्स ट्रेडिंग-राजद कांग्रेस के करीबी धन कुबेरों पर गिरेगी गाज-ईडी के निशाने पर प्राइम सस्पेक्ट्स,ईओयू ने दिए एविडेंस..
पटना।प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आने की संभावना है। इस वर्ष के शुरुआत में जब सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर पुनः सरकार बनायी।नवीं बार मुख्यमंत्री का शपथ लिया। तब फ्लोर टेस्ट के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर एक बड़ा मामला प्रकाश में आया था।सरकार के गठन के बाद इस मामले की जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई को सौंप गई थी।जांच में पाया गया कि बिहार में एनडीए सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी। इसके लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा रही थी। विधायकों को खरीदने के लिए अलग-अलग राज्यों से ही नहीं, बल्कि दूसरे देश से भी पैसे भेजे गए थे। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद कई बड़ी मछलियां जाल में फंस सकती हैं। ईओयू ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट अब प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दी है। अब इस मामले की जांच केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय ईडी के द्वारा किया जाएगा।अगर ईडी इस मामले के तह तक पहुंची तो तेजस्वी यादव के कई करीबियों पर गाज गिर सकती है।ऐसे में इस खबर के चर्चा में आने के बाद से विपक्ष के करीबी धन कुबेरों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मिली जानकारी के अनुसार ईडी मामले पर बड़ी कार्रवाई भी करने जा रही है।ईओयू से मिले इनपुट के आधार पर ईडी शीघ्र इस मामले में प्राइम सस्पेक्ट समझे जाने वाली बड़ी मछलियों से पूछताछ करेगी।
उल्लेखनीय है कि बिहार में एनडीए सरकार के विश्वास मत के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग का खुलासा हुआ था।इस संबंध में पटना के कोतवाली थाने में दर्ज एक एफआईआर की जांच कर रही ईओयू ने कई सबूत इकट्ठा किए हैं।इस दौरान जांच में हॉर्स ट्रेडिंग के लिए अवैध धन के इस्तेमाल का खुलासा हुआ है। जांच के दौरान मिले लीड्स के बदौलत ऐसे इनपुट मिले हैं कि दिल्ली, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ ही नेपाल में बैठे विपक्ष की ओर से बैटिंग करने वाले माफिया तत्वों ने सत्तारूढ़ दल के विधायकों को खरीदने की कोशिश की थी। कुछ विधायकों द्वारा एडवांस की रकम लेने के भी सबूत सामने आए हैं।इस संबंध में जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि सरकार गिराने की ऑपरेशन सफल होने के बाद इसमें साथ देने वाले विधायकों को हवाला के माध्यम से डील की रकम पहुंचा दी जाती।
ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने मीडिया से बातचीत के दौरान इसकी पुष्टि की है।ईओयू की जांच में यह बात भी सामने आई है कि सरकार को अव्यवस्थित करने के लिए विधायकों के अपहरण और प्रलोभन की भी साजिश रची गई थी।अब पूरे मामले को जांच के लिए ईडी को सौंपा जा रहा है।ईओयू को जांच के दौरान जो इनपुट तथा एविडेंस हाथ लगे हैं l।उसके आधार पर ईडी विपक्ष का साथ देने वाली बड़ी मछलियों के गिरेबां पर हाथ डालेगी।हालांकि इस दौरान विपक्ष के द्वारा यह सवाल भी उठाया गया है कि अगर हॉर्स ट्रेडिंग विपक्ष के द्वारा किया जा रहा था।तो राजद के तीन विधायक प्रहलाद यादव, नीलम सिंह तथा चेतन आनंद एनडीए के खेमे में कैसे पहुंचे।
Author-Ban Bihari