सहरसा में तालाब में डूबने से दो बहनों की दर्दनाक मौत, परिवार में पसरा मातम
सहरसा। गुरुवार को बिहार के सहरसा जिले के महुआ बाजार स्थित बलेठा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसमें दो बहनों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब दोनों बहनें तालाब में स्नान करने गई थीं। इस घटना से पूरे गांव में शोक का माहौल है और मृतक बच्चियों के परिवार में कोहराम मचा हुआ है। घटना के अनुसार, मृतक बच्चियों की पहचान रंजीत मंडल की 10 वर्षीय बेटी स्वाति कुमारी और 8 वर्षीय बेटी सोनाक्षी कुमारी के रूप में हुई है। दोनों बहनें गुरुवार को तालाब में स्नान करने गई थीं, लेकिन यह स्नान उनकी जिंदगी का आखिरी स्नान बन गया। स्वाति तालाब में स्नान करने के दौरान गहरे पानी में चली गई और डूबने लगी। अपनी बड़ी बहन को डूबते हुए देख छोटी बहन सोनाक्षी भी उसे बचाने के लिए तालाब में कूद गई, लेकिन वह भी डूब गई। जब तक परिजन घटना स्थल पर पहुंचे, तब तक दोनों बहनों की मृत्यु हो चुकी थी। मृतक बच्चियों के पिता रंजीत मंडल ने बताया कि बड़ी बेटी स्वाति तालाब में नहाने गई थी और अचानक उसका पैर फिसल गया। स्वाति के डूबने की स्थिति में छोटी बेटी सोनाक्षी उसे बचाने के लिए तालाब में कूद पड़ी, लेकिन दोनों गहरे पानी में समा गईं। दोनों बच्चियों की मृत्यु से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। यह घटना परिवार के लिए एक गहरा आघात है और उनके लिए यह दुख सहन करना बहुत कठिन हो गया है। इस मामले में बसनही थाना के अध्यक्ष संतोष कुमार निराला ने बताया कि दोनों बच्चियां स्नान करने के लिए तालाब में गई थीं। नहाने के दौरान एक बच्ची का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चली गई। दूसरी बच्ची ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से वह भी डूब गई। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर दोनों बच्चियों के शव को बरामद किया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। इसके साथ ही पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। इस हृदयविदारक घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल छा गया है। गांव के लोग इस घटना से बेहद आहत हैं। स्थानीय लोग इस दुख की घड़ी में मृतक परिवार के साथ खड़े हैं और उन्हें सांत्वना दे रहे हैं। इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। गांव के सभी लोग इस दुख में परिवार के साथ अपनी संवेदना प्रकट कर रहे हैं और बच्चियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर से तालाबों में स्नान के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। गांवों में तालाब में स्नान करना एक सामान्य प्रक्रिया होती है, खासकर गर्मियों में, लेकिन सुरक्षा के अभाव में यह खतरनाक साबित हो सकता है। अक्सर बच्चों को तालाब में स्नान करने के लिए बिना किसी देखरेख के भेज दिया जाता है, जो कि बेहद खतरनाक होता है। इस घटना ने यह संदेश दिया है कि बच्चों को तालाब में अकेले स्नान करने नहीं जाने देना चाहिए और हमेशा उनके साथ कोई वयस्क होना चाहिए जो उन्हें सुरक्षित रख सके। तालाबों के पास कोई भी सुरक्षा उपाय न होना भी ऐसी घटनाओं का प्रमुख कारण है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे सार्वजनिक तालाबों के पास सुरक्षा उपाय किए जाएं, जैसे चेतावनी बोर्ड लगाना, पानी की गहराई के संकेतक, और नियमित रूप से पानी की स्थिति की जांच करना। साथ ही, गांव के लोगों को भी बच्चों को तालाब में जाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देश देने चाहिए ताकि इस प्रकार की घटनाओं को टाला जा सके। रंजीत मंडल का परिवार इस हादसे के बाद गहरे सदमे में है। उनकी दोनों बेटियों की एक साथ मौत ने पूरे परिवार को बेसहारा बना दिया है। यह घटना किसी भी परिवार के लिए असहनीय होती है, और रंजीत मंडल और उनकी पत्नी अरुणा देवी इस शोक से बेहद टूट चुके हैं। पूरे गांव के लोग इस दुख की घड़ी में परिवार का साथ देने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह क्षति इतनी बड़ी है कि इसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। गांव के पूर्व मुखिया और अन्य लोग परिवार को हर संभव सहायता देने का प्रयास कर रहे हैं। सहरसा की इस हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि तालाबों में स्नान करते समय हमें कितनी सावधानी बरतनी चाहिए। बच्चों के साथ कोई बड़ा व्यक्ति होना चाहिए ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इस हादसे ने हमें यह सिखाया है कि छोटी सी चूक भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। परिवार के लिए यह दुख की घड़ी है और पूरे गांव के लोग इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। इस दुखद घटना से सीख लेते हुए हमें भविष्य में बच्चों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। सभी की यही प्रार्थना है कि दोनों बच्चियों की आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति मिले।