लालू और मांझी दोनों बड़े नेता, उनको जातीय टिप्पणी के विवाद से बचना चाहिए : चिराग पासवान
- बंगाल में बिहारी की पिटाई मामले पर केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष को घेरा, ममता और राहुल से मांगा जवाब
पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने हाल ही में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी को जातीय टिप्पणियों के विवाद से बचने की सलाह दी है। चिराग का मानना है कि दोनों नेता बिहार की राजनीति के बड़े नाम हैं और उनका ध्यान इस प्रकार के विवादों में पड़ने के बजाय जनता के वास्तविक मुद्दों पर होना चाहिए। पटना से दिल्ली रवाना होने से पहले चिराग पासवान ने कहा की पहली बात तो यह की जीतनराम मांझी जी आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी दो ऐसे व्यक्तियों के बीच का विवाद है तो इसमें दोनों ही रुतबे में और तजुर्बे में मुझे बहुत ही बड़े हैं। ऐसे में छोटा होने के नाते उनके विवाद में मुझे बोलना बनता नहीं है।एक पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते और एक बिहारी होने के नाते मैं जात-पात धर्म मजहब पर विश्वास नहीं करता हूं। ऐसे में जातीयता को आधार बनाकर टिप्पणी की जा रही है। मैं कतई इसका पक्षधर नहीं हूं। चिराग पासवान ने कहा कि लालू यादव और जीतन राम मांझी जैसे वरिष्ठ नेताओं को जातीय टिप्पणियों से दूरी बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि इससे समाज में अनावश्यक तनाव पैदा होता है। बिहार में जाति एक संवेदनशील मुद्दा है, और इसे लेकर बयानबाजी करना राज्य की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना सकता है। चिराग का मानना है कि नेताओं का मुख्य उद्देश्य जनता की सेवा होना चाहिए, न कि जातिगत विवादों को भड़काना। चिराग पासवान ने आगे कहा कि बिहार की जनता बुनियादी समस्याओं का सामना कर रही है, जिसमें बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी गंभीर चुनौतियाँ शामिल हैं। ऐसे में जातीय मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय, नेताओं को इन समस्याओं का समाधान निकालने पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि लालू और मांझी जैसे अनुभवी नेता समाज में समरसता और विकास को प्राथमिकता देंगे। चिराग पासवान का यह बयान तब आया है जब हाल ही में बिहार की राजनीति में जातीय टिप्पणियों को लेकर विवाद बढ़ा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रकार के विवाद न केवल राज्य की राजनीति को कमजोर करते हैं, बल्कि समाज में विभाजन भी बढ़ाते हैं।
बंगाल में बिहारी की पिटाई मामले पर केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष को घेरा
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक बिहारी व्यक्ति की पिटाई के मामले पर विपक्षी नेताओं ममता बनर्जी और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। चिराग ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब मांगा है। चिराग ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे बिहार के लोगों के साथ हो रहे अन्याय पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब भी बिहार के लोगों के साथ कहीं अन्याय होता है, तो विपक्षी नेता चुप रहते हैं और कोई प्रतिक्रिया नहीं देते। उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर भी निशाना साधा और पूछा कि पश्चिम बंगाल में बिहार के लोगों के साथ इस प्रकार की घटनाएं क्यों हो रही हैं। चिराग पासवान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बिहारी समुदाय के लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने ममता बनर्जी से इस घटना पर जवाब देने की मांग की और कहा कि बिहार के लोगों को इस तरह अपमानित करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे ज्यादा शर्मनाक कोई भी घटना नहीं हो सकती है बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के माध्यम से मैं हमेशा इस चिंता को जाहिर किया है कि किस तरीके से दूसरे राज्यों में बिहारियों को अपमानित किया जाता है उनपर अत्याचार किया जाता है। उनको गाली गलौज की जाती है। एक बार पुनः हमें बंगाल में देखने को मिला। जिस तरीके से बंगाल में सिर्फ क्षेत्रवाद को लेकर क्योंकि वह बिहारी है, उनके साथ मारपीट की गई, संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है। चिराग ने कहा कि इन लोगों को जानने की जरूरत है जो अधिकार हर भारतीय को देता है कि वह किसी भी राज्य में जाकर शिक्षा प्रदान कर सकते हैं । पर,ममता बनर्जी की जो सरकार वहां पर है टीएमसी की सरकार की सोच की बिहार के लोगों पर लाठी चलाई जाए उनको गाली दी जाए।
राहुल से मांगा जवाब
ऐसे में जो लोग उनके साथ गठबंधन में है तथा कथित इंडी गठबंधन के नेता प्रतिपक्ष जिस दल से आते हैं वह भी गठबंधन में है और उनको जवाब देने की जरूरत है जब आपके सहयोगी दल आपके लोगों पर लाठी चलते हैं। गाली देते हैं। उन्हें अपमानित करते हैं तो वैसे में नैतिकता आधार नहीं बनती उसे गठबंधन से अपने आप को दूर करना, क्या सत्ता की लालच में यह उनके साथ गठबंधन में बने रहेंगे।