रीगा चीनी मिल को फिर से शुरू करेगी सरकार, गन्ना उद्योग मंत्री ने की घोषणा, 4 साल बाद शुरू होगा उत्पादन
पटना। बिहार का रीगा शुगर मिल का चालू होने वाला है। 4 साल बाद यह मिल अपना उत्पादन शुरू करेगा। शिवहर और सीतामढ़ी के किसानों को किसी दूसरे जिले के मिल की ओर झांकना नहीं पड़ेगा। गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णानंद पासवान ने इसकी घोषणा की है। रीगा शुगर मिल को लेकर सरकार ने चार टेंडर जारी किए। तीन टेंडर जारी हुए और यूं ही रह गए। मील से उत्पादन नहीं हो सका। अब चौथे टेंडर में मिल चालू होने का रास्ता साफ हुआ है। मेसर्स निरानी शुगर को लेटर आफ इंटेंट जारी किया गया है। यह कंपनी देश की प्रमुख चीनी उत्पादन करने वाली कंपनी में से एक है। रीगा चीनी मिल खुले जाने का रास्ता मिलने पर गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णानंद पासवान कहते हैं कि हम लोगों की कोशिश कामयाब हुई। सुगर मिल को लेकर न्यायालय तक का रास्ता तय करना पड़ा। 19 फरवरी 2020 से रीगा चीनी मिल बंद थी। मामला NCLT में गया था। गन्ना उद्योग मंत्री बताते हैं कि रीगा चीनी मिल से सीतामढ़ी और शिवहर के किसानों को फायदा होगा। इन दोनों जिलाें के गन्ना किसान फिलहाल विष्णु शुगर मिल और सीरवली शुगर मिल को अपनी फसल दे रहे थे। बिहार में गन्ना की खेती 2.5 लाख हेक्टेयर में होती है। गोपालगंज, पश्चिम और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर जैसे जिलों में बड़े पैमानों पर गन्ना की खेती होती है। बिहार में 128 दिन चीनी मिल में पेराई की जाती हैं। बिहार में 2006-07 में 4.5 लाख मैट्रिक चीनी उत्पादन था जो 2023-24 में बढ़कर 6.7 लाख टन हो गया है। बिहार में 5 हजार चीनी उद्योग से जुड़े कर्मियों का वेतन भुगतान नहीं हो सका है। 20 से 30 सालों से वेतन बकाया है। इस मामले पर गन्ना उद्योग मंत्री चंदन पासवान बताते हैं कि बिहार राज्य चीनी उत्पादन निगम को भंग होने के बाद कर्मचारी सड़क पर आ गए। उनका अब तक वेतन भुगतान भी नहीं हुआ। वेतन भुगतान को लेकर विभाग में नौ बार विज्ञापन निकला। विज्ञापन के बाद 10 हजार कर्मियों ने वेतन भुगतान को लेकर दावा पेश किया। वह आगे कहते हैं कि 1 हजार से 5 हजार रुपए बकाया वेतन भुगतान के लिए कोई सामने नहीं आ रहा। वह आगे बताते हैं कि उनकी कोशिश है कि ऐसे कर्मियों के घर तक जाएंगे और वेतन भुगतान करवाएंगे। इधर, गन्ना उद्योग की माने तो 10 हजार कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए 222 करोड़ रुपए की राशि दी गई है। जिलाधिकारी के पास 60 से 70 करोड़ रुपए एडवांस रखे गए हैं। कर्मियों के बकाया वेतन भुगतान के लिए बिहार सरकार ने एग्जिट सेटलमेंट प्लान लाया था। बिहार में गन्ना की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है। गन्ना उत्पादन में बिहार का पांचवा स्थान है। बिहार से आगे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे स्टेट हैं।