December 21, 2024

स्मार्ट मीटर के खिलाफ पूरे बिहार में 1 अक्टूबर से आंदोलन करेगी राजद, प्रदेश अध्यक्ष ने की घोषणा

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार में स्मार्ट मीटर के खिलाफ 1 अक्टूबर से व्यापक आंदोलन की घोषणा की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस आंदोलन का नेतृत्व करते हुए बिहार सरकार को चेतावनी दी है कि अगर स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे कड़ी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन प्रदेश भर के प्रखंडों में फैलाया जाएगा और गांवों में स्मार्ट मीटर लगाने वाले कर्मचारियों को घुसने नहीं दिया जाएगा। जगदानंद सिंह ने आरोप लगाया है कि स्मार्ट मीटर के जरिए लोगों से जबरन ज्यादा बिजली बिल वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य था कि एक ही स्थान से बिजली रीडिंग ली जा सके, जिससे ग्राहकों को सुविधा हो और सटीक रीडिंग प्राप्त हो। लेकिन, इसके उलट स्थिति है। उन्होंने दावा किया कि स्मार्ट मीटर से तीस से चालीस प्रतिशत अधिक रीडिंग आ रही है, जिससे उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर का नाम सुनते ही बिहार के आम नागरिक और गरीब उपभोक्ता परेशान हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें स्मार्ट मीटर से जुड़े कई शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने दावा किया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में स्मार्ट मीटर से जुड़ी शिकायतें सबसे अधिक हैं। बिहार में करीब 32 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, और राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कुल 1.72 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जाएं। सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब पूरे देश में इतने स्मार्ट मीटर नहीं लगे हैं, तो बिहार में इतने अधिक मीटर लगाने का क्या कारण है? राजद ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ अपना रुख साफ करते हुए सरकार को डेढ़ महीने का अल्टीमेटम दिया है। सिंह ने कहा कि अगर इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर स्मार्ट मीटर उखाड़ फेंकेंगे और मीटर लगाने वालों को गांव में प्रवेश करने से रोकेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का उद्देश्य सिर्फ विरोध करना नहीं है, बल्कि यह लोगों की समस्याओं को दूर करना है, जो इस नए सिस्टम से उत्पन्न हो रही हैं। स्मार्ट मीटर के खिलाफ इस अभियान के दौरान राजद ने यह भी घोषणा की है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है, तो वे उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त देंगे। यह कदम गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए उठाया जाएगा। राजद का आरोप है कि स्मार्ट मीटर के नाम पर राज्य में बड़े पैमाने पर लूट हो रही है। बिजली बिलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, जिससे आम जनता काफी परेशान है। पार्टी का कहना है कि गरीब और मध्यम वर्गीय उपभोक्ता इस बढ़ते बोझ को सहन नहीं कर पा रहे हैं। सिंह ने दावा किया कि यह पूरा सिस्टम एक सोची-समझी योजना का हिस्सा है, जिसके जरिए गरीबों को और गरीब बनाने की कोशिश की जा रही है। जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि उनका यह आंदोलन न केवल स्मार्ट मीटर को हटाने तक सीमित रहेगा, बल्कि राज्य में बिजली व्यवस्था को और पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए भी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों को सस्ती और सही तरीके से बिजली उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है। इस आंदोलन को राजद की ओर से एक बड़े जनांदोलन के रूप में देखा जा रहा है। प्रदेश के हर प्रखंड में इसका विस्तार करने की योजना बनाई गई है। राजद के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को स्मार्ट मीटर के खिलाफ जागरूक करेंगे और इस मुहिम को ताकत देंगे। बिहार में यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, खासकर जब राज्य में चुनावी माहौल गर्म हो रहा है। राजद का यह कदम नीतीश सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और राजद के इस आंदोलन का जनता पर क्या असर पड़ता है।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed