बक्सर में बोले शंकराचार्य, कहा- तिरुपति में हिंदुओं की आस्था से विश्वासघात हुआ, सभी धर्मस्थल बर्बाद हो रहे
बक्सर। जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में बक्सर में एक कार्यक्रम के दौरान कई गंभीर मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने हिंदू धर्मस्थलों की दुर्दशा और तिरुपति बाला जी मंदिर में हुई घटनाओं को लेकर खुलकर बात की। उनके अनुसार, तिरुपति में जो कुछ हुआ है, वह हिंदू समाज के साथ एक विश्वासघात है, और इसमें शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। शंकराचार्य ने धार्मिक स्थलों के संरक्षण और हिंदुओं की आस्था के प्रति सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश में विकास के नाम पर धार्मिक स्थलों को बर्बाद किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने विशेष रूप से गो हत्या पर रोक नहीं लगने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। शंकराचार्य ने कहा कि पिछले 78 वर्षों से हिंदुओं के वोट से सरकारें बनती आ रही हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। उनके अनुसार, गाय भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय है, और गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा मिलना चाहिए। गो हत्या और गो मांस बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। जगतगुरु शंकराचार्य की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने 22 सितंबर को अयोध्या से इस यात्रा की शुरुआत की थी, और यह यात्रा देश के 36 प्रदेशों की राजधानियों तक पहुंचेगी। इस यात्रा के दौरान वे विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं और लोगों को गो माता के संरक्षण और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं। बक्सर में शंकराचार्य का भव्य स्वागत किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनका अभिनंदन किया गया और विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर बक्सर के विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी भी मौजूद थे। शंकराचार्य ने बक्सर के नया भोजपुर स्थित गौधाम में गौ पूजा कार्यक्रम किया और वहां उपस्थित लोगों से संवाद किया। इसके बाद उन्होंने पटना के लिए प्रस्थान किया, जहां दारोगा राय स्मारक भवन में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। बक्सर आने पर शंकराचार्य ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उन्हें इस धरती पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि बहुत दिनों से उनकी इच्छा थी कि वे बक्सर आएं, और आज वह पूरी हुई। शंकराचार्य का यह दौरा धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें उन्होंने न केवल हिंदू धर्म के संरक्षण की बात की, बल्कि गाय के महत्व पर भी जोर दिया। शंकराचार्य ने बक्सर में अपने संबोधन में यह भी कहा कि गो माता का मांस बेचने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। उनका मानना है कि गाय सिर्फ एक पशु नहीं, बल्कि हिंदू समाज के लिए पूजनीय है और उसकी रक्षा करना सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। शंकराचार्य ने लोगों से आह्वान किया कि वे गायों की सुरक्षा और धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए आगे आएं और इस अभियान में सहयोग करें। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की यह यात्रा न केवल धार्मिक जागरूकता फैलाने का काम कर रही है, बल्कि गो हत्या पर रोक लगाने के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत भी कर रही है। उनका मानना है कि अगर हिंदू समाज संगठित होकर अपनी आस्था और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए खड़ा होता है, तो कोई भी ताकत उनके धार्मिक स्थलों को बर्बाद नहीं कर सकती।