बिहार में एक और पुल हुआ ध्वस्त: समस्तीपुर में सिक्स लेन पुल का स्लैब गिरा, अधिकारियों ने मलबे को दबाया
समस्तीपुर। समस्तीपुर में उत्तर बख्तियारपुर और ताजपुर के बीच बन रहे 6 लेन गंगा महासेतु का एक हिस्सा रविवार रात गिर गया। घटना शाहपुर पटोरी के नंदनी लगुनियां रेलवे स्टेशन के पास की है, जहां दो पिलरों के बीच स्लैब लगाने का काम चल रहा था। इसी दौरान करीब 50 फीट तक स्लैब गिर गया। घटना के बाद रात के अंधेरे में कंपनी के कर्मचारी जेसीबी की मदद से धराशायी हुए स्लैब के मलबे को मिट्टी के अंदर दबाने लगे। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बना लिया। जिसके बाद पुल कंपनी के कामकाज पर सवाल उठने लगे। इधर, घटना के बाद पुल निर्माण में जुटी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के मैनेजर ने कहा कि स्लैब में गड़बड़ी आ गई थी, जिसके कारण उसे गिराया गया है। स्लैब खुद से नहीं गिरा है। नंदिनी लगुनियां रेलवे स्टेशन शाहपुर पटोरी और मोहिउद्दीन नगर के बीच में है। रेलवे स्टेशन के बगल में पटरी के ऊपर महासेतु का संपर्क पथ बनाया जा रहा है। कुछ महीने पहले ही पिलर पर स्लैब चढ़ाया गया था, जो रविवार रात गिरकर धराशायी हो गया। इससे पुल की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु की आधारशिला रखी थी। लगभग 45 किलोमीटर लंबे संपर्क पथ और 5.575 किलोमीटर लंबे नदी पुल के निर्माण में कुल 1603 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। अब तक पुल का लगभग 60 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। जिसमें लगभग 1000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। निर्माण 2016 में ही हो जाना चाहिए था, लेकिन 2024 में भी यह काम पूरा नहीं हो सका है। चार बार निर्माण अवधि बढ़ाई जा चुकी है, पहले मई 2016, फिर 2018, मार्च 2020, अब फरवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बख्तियारपुर के करजान से हाजीपुर-समस्तीपुर रोड पर स्थित ताजपुर को जोड़ने वाली 6 लेन ग्रीनफील्ड इस परियोजना की कुल लंबाई 51 किलोमीटर है, जिसमें पुल की लंबाई 5.50 किलोमीटर है। महासेतु के निर्माण में 307.50 करोड़ रुपए राज्य सरकार और 277.50 करोड रुपए केंद्र सरकार खर्च कर रही है। महात्मा गांधी सेतु तथा मोकामा राजेंद्र सेतु पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। राजधानी पटना से समस्तीपुर, दरभंगा, बेगूसराय, मधुबनी समेत उत्तर बिहार के कई जिलों की दूरी 30 से लेकर 50 किमी तक कम होगी। समय की बचत होगी।