विशेष भूमि सर्वेक्षण में जमीन मालिकों को कागजात तैयार करने को मिलेगा 3 महीने का समय, मंत्री दिलीप जायसवाल ने की घोषणा
पटना। बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण में जमीन मालिकों को एक बड़ी राहत दी गई है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने घोषणा की है कि सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले जमीन मालिकों (रैयतों) को तीन महीने का समय दिया जाएगा, ताकि वे अपने कागजात तैयार कर सकें। मंत्री ने कहा कि सर्वे में रैयतों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। तीन महीने के बाद, जनप्रतिनिधियों, रैयतों और अधिकारियों के साथ बैठक होगी और उसके बाद ही सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मंत्री ने बताया कि इस संबंध में दो दिन के भीतर एक नोटिस जारी कर दिया जाएगा। जायसवाल ने यह भी कहा कि सर्वेक्षण के दौरान कैथी लिपि में लिखे गए कागजातों को पढ़ने में कठिनाई हो रही है, जिसके लिए 100 से अधिक विशेषज्ञों को बनारस और अन्य स्थानों से बुलाया गया है। सभी सर्वेक्षण कर्मियों को कैथी लिपि पढ़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि लोगों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े। मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि कई जमीन मालिकों को अपने कागजात निकालने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रैयतों को सभी आवश्यक कागजात उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि सर्वे की प्रक्रिया में किसी प्रकार की अड़चन न आए। मंत्री ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जब कागजात सरकार या अधिकारियों के पास उपलब्ध हैं, तो रैयतों से उन्हें क्यों मांगा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ भूमि माफिया सर्वेक्षण के खिलाफ अफवाहें फैला रहे हैं कि यह सर्वे नहीं होगा, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सर्वे निश्चित रूप से होगा। भले ही अभी कुछ असुविधाएं हों, लेकिन भविष्य में इसका लाभ सभी लोगों को मिलेगा, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो राज्य के बाहर रहते हैं। डॉ. दिलीप जायसवाल ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पहले से ही भूमि का डिजिटाइजेशन हो चुका है, जिससे भूमि विवादों में कमी आई है। बिहार में भी यह सर्वेक्षण भूमि विवादों को समाप्त करने में मदद करेगा। साथ ही, मंत्री ने यह भी कहा कि बेतिया राज्य की अंतिम महारानी के नाम पर दर्ज की गई संपत्तियों को लेकर चल रहे विवादों को समाप्त करने के लिए सरकार जल्द ही एक विधेयक लाने वाली है। इस विधेयक से सभी लंबित मामलों का निपटारा हो जाएगा और संपत्ति सरकार के अधीन हो जाएगी। अंत में, मंत्री ने यह भी बताया कि इस सर्वेक्षण में सरकारी कार्यालयों, डीएम कार्यालय, एसपी कार्यालय और अस्पतालों सहित सभी प्रकार की सरकारी जमीनों का डिजिटाइजेशन किया जाएगा।