पटना में दो कुख्यात अपराधियों को पुलिस ने दबोचा, कट्टा और मोबाइल बरामद
- अन्य कई अपराधी भागे, हत्या और अन्य वारदातों कर रहे थे प्लानिंग
पटना। फुलवारीशरीफ में पुलिस ने दो कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान पुलिस ने मौके से कट्टा और मोबाइल भी बरामद किया है, लेकिन कुछ अन्य अपराधी हथियार और गोलियों के साथ भागने में सफल रहे। यह गिरफ्तारी एक बड़ी साजिश को नाकाम करने के उद्देश्य से की गई, जिसमें दो गुटों के बीच खून-खराबे की योजना बनाई जा रही थी। गिरफ्तार किए गए अपराधियों की पहचान मोहम्मद अमीन और संथाल के रूप में हुई है। दोनों ने पुलिस पूछताछ के दौरान पूरे मामले का खुलासा किया। जानकारी के अनुसार, 2022 में कंकड़बाग में हुए फौजी हत्याकांड के बाद अपराधियों के दो गुटों में विवाद उत्पन्न हो गया था। इस हत्याकांड के पीछे पैसे की लेन-देन को लेकर तनाव था, जिससे अपराधियों के दो अलग-अलग गुट बन गए थे। पहले गुट में अमीन, संथाल, और तौसीफ जैसे अपराधी शामिल थे, जबकि दूसरे गुट में निशु, केतन, और शिवम जैसे अपराधी शामिल हो गए। दोनों गुटों के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई थी कि वे एक-दूसरे की हत्या करने की फिराक में थे। मंगलवार की रात तौसीफ अपने गुट के अन्य अपराधियों के साथ निशु गुट के लोगों की हत्या करने की योजना बना रहा था। इसके लिए ये सभी धीरे-धीरे एफसीआई रोड के लालू नगर में इकट्ठा हो रहे थे। पुलिस को इस साजिश की जानकारी मिलते ही एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने तत्काल कार्रवाई करते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने अमीन और संथाल को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य अपराधी भागने में कामयाब रहे। गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस के सामने बताया कि उनका प्लान निशु, केतन, और उनके साथियों की हत्या करने का था। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पटना में अपराधियों के बीच आपसी रंजिश कितनी गहरी हो चुकी है, जिससे शहर में शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। हालांकि, पुलिस की तत्परता और समय पर की गई कार्रवाई ने एक बड़ी घटना को टाल दिया, लेकिन फरार अपराधियों की गिरफ्तारी अभी भी बाकी है। पुलिस इन अपराधियों की तलाश में जुटी हुई है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में हुई इस घटना ने शहर में कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। पुलिस की इस सफलता से शहर के नागरिकों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन इस घटना ने यह भी दिखा दिया है कि अपराधियों की पकड़ अब भी मजबूत है और पुलिस को लगातार सतर्क रहने की आवश्यकता है। आगे आने वाले दिनों में पुलिस को इस मामले में और गहराई से जांच करने की जरूरत है ताकि इस तरह के संगठित अपराधों को रोका जा सके और शहर में शांति कायम की जा सके। पुलिस की इस कार्रवाई ने भले ही एक बड़ी घटना को टाल दिया हो, लेकिन शहर की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि अपराधियों के इस नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाए।