सहनी किस गठबंधन में रहेंगे यह फैसला वह लेंगे, हम अभी कुछ नहीं कह सकते : अशोक चौधरी

पटना। बिहार की राजनीति में इन दिनों विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हाल ही में बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने मुकेश सहनी के आवास पर उनसे मुलाकात की, जिसके बाद से इस बात की अटकलें तेज हो गईं कि मुकेश सहनी महागठबंधन का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में वापसी कर सकते हैं। शुक्रवार को जब पत्रकारों ने इस विषय पर अशोक चौधरी से सवाल किए, तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मुकेश सहनी किस गठबंधन में शामिल होंगे, इसका निर्णय वे स्वयं करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में क्या होगा, इस बारे में अभी कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि किस नेता को किस गठबंधन में रहना है, यह उस नेता का व्यक्तिगत निर्णय होता है। मुकेश सहनी को अपने राजनीतिक भविष्य का फैसला स्वयं लेना होगा, और आने वाले समय में वे ही इस बारे में स्पष्ट करेंगे कि वे किस गठबंधन के साथ रहेंगे। अशोक चौधरी ने इस मुलाकात के पीछे की वजह को स्पष्ट करते हुए कहा कि वे राजनीति के लिए नहीं, बल्कि मुकेश सहनी के पिता के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए उनके घर गए थे। उन्होंने बताया कि वे सहनी के पिता की श्राद्ध कर्म में शामिल नहीं हो सके थे, इसलिए व्यक्तिगत तौर पर उनसे मिलने गए थे। इस मुलाकात के दौरान किसी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई, और यह पूरी तरह से व्यक्तिगत शोक संवेदना का मामला था। साथ ही, जब उनसे पूछा गया कि क्या मुकेश सहनी एनडीए में शामिल हो सकते हैं, तो उन्होंने इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। अशोक चौधरी ने कहा कि यह पूरी तरह से मुकेश सहनी पर निर्भर करता है कि वे अपनी राजनीतिक दिशा किस ओर मोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सहनी अपने आरक्षण के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं और यह उनकी खुद की रणनीति है। इस बीच, मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह की जेल से रिहाई के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अनंत सिंह को छुड़ाने में भूमिका निभाई। इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि बिना पढ़े-लिखे लोग जब राजनीति करते हैं, तो ऐसे ही आरोप लगाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह न्यायालय का फैसला था, इसमें न तो पार्टी की कोई भूमिका थी और न ही सरकार की। चौधरी ने सलाह दी कि राजनीति करने से पहले पढ़ाई करनी चाहिए और यह समझना चाहिए कि न्यायपालिका के निर्णयों का सम्मान करना चाहिए। इस प्रकार, अशोक चौधरी ने मुकेश सहनी के भविष्य के राजनीतिक निर्णय पर किसी भी प्रकार की अटकलों से इनकार किया और अनंत सिंह की रिहाई पर राजद के आरोपों को निराधार बताया। उनके अनुसार, राजनीति में व्यक्तिगत निर्णय और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान किया जाना चाहिए।
